डीएनए हिंदी : Life Management in Hanuman Chalisa- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान हनुमान आज भी इस पृथ्वी पर जागृत अवस्था में मौजूद हैं. हनुमान जी कलयुग के देवता हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा-आराधना करता है उनके कष्ट दूर होते हैं और हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ करना है.

हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं, उनकी पूजा आराधना भी बेहद सरल होती है. हनुमान चालीस का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न तो होते ही हैं साथ ही इनमें सफल जीवन के कुछ सूत्र भी छिपे हैं. हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाईयां हैं जिसमें लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र छिपे हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में


श्रीगुरु चरन सरोज रज। 
निज मनु मुकुरु सुधारि।।

 
अर्थ - गुरु के चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूं.
 
सूत्र - हनुमान चालीसा की पहली चौपाई की पहली लाइन गुरु को समर्पित है. इसके अनुसार जीवन में गुरु नहीं है तो आपको कोई आगे नहीं बढ़ा सकता. गुरु ही आपको सही रास्ता दिखाते हैं. आज के दौर में हमारा गुरु माता पिता के अलावा मेंटोर भी हो सकता है और बॉस भी. गुरु यानी अपने से बड़ों का सम्मान करना जरूरी है. अगर आप तरक्की की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं तो विनम्रता के साथ बड़ों का सम्मान करें.

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कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।

अर्थ - इस चौपाई में तुलसीदास जी हनुमान जी की काया का वर्णन करते हुए कहते हैं कि आपके शरीर सोने जैसा चमकीला है और आप अच्छे वस्त्र धारण किए हुए हैं. कानों में कुंडल शुशोभित है और बाल संवरे हुए हैं.

सूत्र- आज के दौर में आप कैसे दिखते हैं और कैसा व्यवहार करते हैं यही तरक्की का पैमाना होता है. अगर आप बहुत ज्ञानी, सामर्थ्यवान और गुणवान है लेकिन आपका रहन-सहन या पहनावा ठीक नहीं तो आप दूसरों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. ऐसे में हमेशा साफ-सुथरे रहें.


सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

अर्थ - तुलसीदास जी यहां हनुमान जी के गुणों का बखान करते हुए कहते हैं कि आपने अशोक वाटिका में माता सीता को अपने छोटे रूप में दर्शन दिया वहीं जब लंका दहन करने की बारी आई तब विशाल रूप धारण कर लिया.

सूत्र -  यहां हमें यह समझने को मिलता है कि जीवन को सफल बनाने के लिए परिस्थितियों के अनुसार ढल जाना चाहिए. यहां जैसे हनुमान जी ने किया वैसे ही मनुष्य को भी परिस्थिति के अनुसार ही अपनी ताकत को पहचानते हुए ही व्यवहार करना चाहिए.  

प्रभु चरित सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।

अर्थ -  यदि आप हमेशा राम कथा सुनने के लिए व्याकुल रहते हैं, तो आपके मन में हमेश राम, लक्ष्मण और सीता तीनों का वास रहता है.

सूत्र- हमेशा अच्छा श्रोता बनने की कोशिश करना चाहिए. हनुमान चालीसा का यह चौपाई जीवन का सार है. हमेशा सिर्फ बोलना ही नहीं चाहिए बल्कि हमेशा दूसरों के बातों को भी मन से सुनना चाहिए. जो व्यक्ति दूसरों की बातों को ध्यान से सुनते हैं और फिर अपनी राय रखते हैं, ऐसे लोगों में नेतृत्व का गुण विकसित होता है.

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तुम्हरो मंत्र बिभीसन माना। 
लंकेस्वर भए सब जग जाना।। 

अर्थ - इस दोहे में तुलसीदास जी कहते हैं कि विभीषण ने आपकी सलाह मानी, वे लंका के राजा बने यह बात सारी दुनिया जानती है. 

सूत्र - हनुमान जी ने विभीषण को राम भक्त के रूप में देखकर उन्हें राम से मिलने की सलाह दी. विभीषण ने उनकी सलाह मानी और रावण के मरने के बाद वे राम द्वारा लंका के राजा बनाए गए. ऐसे में व्यक्ति को किसको, कहां, क्या सलाह देनी चाहिए इस बात की समझ होनी चाहिए.  सही समय पर सही इंसान को दी गई सलाह सिर्फ दूसरे व्यक्ति को ही नहीं बल्कि सलाह देने वाले व्यक्ति को भी फायदा पहुंचती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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हनुमान चालीसा की चौपाइयों में छिपा है आपके लाइफ को डील करने का सीक्रेट, रोज पढें
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हनुमान चालीसा की इन चौपाईयों में छिपे है लाइफ मैनेजमेंट के मंत्र

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हनुमान चालीसा की चौपाइयों में छिपा है लाइफ को डील करने का सीक्रेट, रोज पढ़ें