डीएनए हिंदी: व्यक्ति की मृत्यु के बाद स्वर्ग और नरक के बारे में गरुड़ पुराण (Garuda Purana) से जान सकते हैं. व्यक्ति का पूरा जीवन किस्मत पर आधारित होता है. लोगों के जीवन में जो भी होता है वह भाग्य का लिखा होता है. जबकि मृत्यु के बाद का नरक और स्वर्ग (Heaven And Hell) की प्राप्ति पूरी तरह कर्म पर आधारित होती है.
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसे नरक और स्वर्ग मिलने के बारे में भगवान विष्णु की नीति (Lord Vishnu Niti) में बताया गया है. लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर किन कर्मों के आधार पर उसे नरक और स्वर्ग (Heaven And Hell) में स्थान मिलता है. तो चलिए जानते हैं कि गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में स्वर्ग और नरक के बारे में भगवान विष्णु (Lord Vishnu Niti) क्या कहते हैं.
इन कर्मों से मिलता है स्वर्ग में स्थान
- जो लोग अपनी इंद्रियों पर पूरा नियंत्रण रखते हैं उन्हें मृत्यु के पश्चात स्वर्ग की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को क्रोध, भय व शोक को अपने पर हावी नहीं होने देना चाहिए.
- पुरुष को पराई स्त्री के प्रति कभी वासना भाव की दृष्टि नहीं रखनी चाहिए. जो लोग पराई स्त्री को माता, बहन और पुत्री के समान मानते हैं उन्हें स्वर्ग में स्थान मिलता है.
- दूसरों की सराहना करने वाले और पानी की सेवा के लिए कुआं, प्याऊ और तालाब का निर्माण कराने वाले व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान मिलता है.
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ऐसे कर्म वालों को भोगना पड़ता है नरक का कष्ट
- व्यक्ति को कभी भी गरीब, असहाय, अनाथ, रोगी और बुजुर्ग का मजाक नहीं बनाना चाहिए. ऐसा करने पर व्यक्ति को कष्ट भोगना पड़ता है और नरक में जगह मिलती है.
- पितरों की पूजा न करने पर भी नरक का कष्ट भोगना पड़ता है. व्यक्ति को अपने पितरों की पूजा करनी चाहिए.
- झूठ बोलने वाले लोगों, दूसरों का हक मारने वाले, हत्या करने वालो को भी नरक का दुख भोगना पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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कर्मों के आधार पर स्वर्ग और नरक में मिलता है स्थान, जानें क्या कहती हैं भगवान विष्णु की नीति