सावन(Sawan) मास की शुरुआत होते ही भगवान शिव की भक्ति का माहौल चारों तरफ छा जाता है. हर कोई शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना और दर्शन करता है. खासतौर पर सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ता है. राजस्थान में न चोपड़ा महादेव मंदिर भी इस भक्तिभाव में डूबा हुआ है. यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और अपनी अद्भुत शक्ति के लिए जाना जाता है. आइए जानते हैं इस मंदिर की कुछ खासियतें
क्या है मंदिर का इतिहास
चोपड़ा महादेव मंदिर राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह भगवान शिव को समर्पित है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण साल 1856 में हुआ था. इस मंदिर का निर्माण महाराजा भगवंत सिंह के मामा राजधर कन्हैया लाल ने करवाया था. कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना उस स्थान पर की गई थी, जहां भगवान शिव एक गुफा में प्रकट हुए थे.
चोपड़ा मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है. भारत के पुरातत्व विभाग के अनुसार यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है. इस मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है.
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यहां हर मुराद होती है पूरी
यह मंदिर अपनी शानदार वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. मंदिर 150 फीट की ऊंचाई पर है. गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 25 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. मंदिर परिसर में एक कुंड भी है जो चौकोर है, जिस वजह से मंदिर को चोपड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Sawan 2024: भगवान शिव का वो 500 साल पुराना मंदिर, जहां पूरी होती है हर मनोकामना