डीएनए हिंदी: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि आती है. यह दोनों तिथि एक माह में एक एक बार आती है जबकि बाकि सभी तिथियां शुक्ल और कृष्ण पक्ष में दो बार अलग-अलग आती हैं. अब फाल्गुन माह की पूर्णिमा (Falgun Purnima 2023) तिथि आने वाली है फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि (Falgun Purnima 2023) का हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन होली का पर्व (Holi 2023) मनाया जाता है. फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2023) का महत्व सिर्फ होली के कारण ही नहीं है इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विधान है. तो चलिए इस साल फाल्गुन की पूर्णिमा (Falgun Purnima 2023) की सही तारीख, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में जानते हैं.
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 (Falgun Purnima 2023)
फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 6 मार्च 2023 को शाम 4 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगी. पंचांग के अनुसार, इस तिथि का समापन 7 मार्च 2023 की शाम को 6 बजकर 09 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म में किसी भी तिथि के लिए उदयातिथि को महत्व देते हैं ऐसे में उदयातिथि को महत्व देते हुए फाल्गुन माह की पूर्णिमा 7 मार्च को मनाई जाएगी. 7 मार्च को चंद्रोदय का समय शाम को 6 बजकर 8 मिनट है.
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 स्नान-दान मुहूर्त (Falgun Purnima 2023 Snandan Muhurat)
फाल्गुन पूर्णिमा पर सुबह से ही स्नान दान का मुहूर्त शुरू हो जाता है. इस बार स्नान दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 2 मिनट से लेकर 5 बजकर 51 मिनट तक है. फाल्गुन पूर्णिमा पर अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक होगा. विजय मुहूर्त इस दिन दोपहर साढ़े बारह बजे से लेकर दोपहर को 3 बजकर 17 मिनट तक है.
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फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन (Falgun Purnima Holika Dahan)
फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर बेटे प्रह्लाद को मारने की कोशिश की थी. होलिका का न जलने का वरदान था लेकिन भगवान श्री हरि कृपा से होलिका जल गई थी और भगवान विष्णु की भक्ति से प्रह्लाद बच गए थे. इसी वजह से फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है.
फाल्गुन पूर्णिमा महत्व (Falgun Purnima 2023 Significance)
फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत कर स्नान दान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा हो जाता है. पूर्णिमा तिथि भगवान शिव और विष्णु की पूजा के लिए विशेष होती है. ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष सत्यनारायण की पूजा करने से लाभ मिलता है. पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की पूजा का भी विधान होता है.
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 पूजा विधि (Falgun Purnima 2023 Puja Vidhi)
- फाल्गुन पूर्णिमा को सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने के बाद आपको सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.
- इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. आपको पूजा के दौरान भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, अबीर और गुलाल चंदन आदि आर्पित करने चाहिए.
- पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए. आपको घर में सुख शांति के लिए भगवान विष्णु को खीर और सूजी के हलवे का भोग लगाना चाहिए.
- फाल्गुन पूर्णिमा पर रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र संबंधी दोष भी दूर हो जाते हैं.
- मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा कर और उन्हें भोग लगाकर आप लक्ष्मी मां को प्रसन्न कर उनकी कृपा से वैभव और सुख प्राप्त कर सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज है फाल्गुन मास की पूर्णिमा, जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि