डीएनए हिंदी: Ekadashi Vrat Uddyapan Vidhi, Samagri- सनातन धर्म में एकादशी के व्रत (Ekadashi Vrat) का काफी महत्व है, इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने से पुण्य मिलता है. एकादशी माह में दो बार आती है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष. इस तरह वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं. चलिए आज आपको इस एकादशी पर हर एकादशी व्रत की संपूर्ण विधि-नियम और उद्यापन का तरीका क्या है और किन-किन सामग्री की आवश्यकता होगी, जान लें.

इसका उद्यापन देवताओं के प्रबोध समय में ही एकादशी के व्रत का उद्यापन करें, विशेष कर मार्गशीर्ष के महीने में, माघ माह में या भीम तिथि (माघ शुक्ल एकादशी) के दिन ही इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए. चतुर्मास में उद्यापन नहीं करना चाहिए, जब आपकी 24 एकादशियां पूर्ण हो जाती है तब आप इसका उद्यापन कर सकते हैं. तो चलिए एकादशी व्रत की विधि के साथ ही इसकी उद्यापन विधि के बारे में भी जान लें.

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एकादशी व्रत का नियम क्या है?

एकादशी व्रत करने वाले लोगों को दशमी यानी एकादशी से एक दिन पहले के दिन से कुछ जरूरी नियमों को मानना पड़ता है. दशमी के दिन से ही श्रद्धालुओं को मांस-मछली, प्याज, मसूर की दाल और शहद जैसे खाद्य-पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. दशमी और एकादशी दोनों दिन लोगों को भोग-विलास से दूर पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

एकादशी पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं
  2. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें
  3. भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें
  4. भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें
  5. अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें
  6. भगवान की आरती करें
  7. भगवान को भोग लगाएं
  8. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.

पूजन सामग्री (Pujan Samagri) 

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति चाहिए
पुष्प,पुष्पमाला,नारियल, सुपारी, अनार,आंवला, बेर, अन्य ऋतुफल, धूप 
घी, पंचामृत बनाने के लिए कच्चा दूध,दही,घी,शहद और शक्कर चाहिए, चावल, तुलसी,गोबर,केले का पेड़, मिठाई भी चाहिए. 

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एकादशी व्रत उद्यापन 

एकादशी व्रत के दिन और उद्यापन पर ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए. पूजन कितना भी बड़ा या छोटा हो सभी व्रतियों को श्रद्धा के साथ इसे करना चाहिए. एकादशी व्रत का उद्यापन किसी योग्य आचार्य के मार्गदर्शन में करना चाहिए. उद्यापन में 12 माह की एकादशियों के निमित्त 12 ब्राह्मणों को पत्नी सहित निमंत्रित किया जाता है. उद्यापन पूजा में तांबे के कलश में चावल भरकर रखें. अष्टदल कमल बनाकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन किया जाता है. पूजन के बाद हवन होता है और सभी ब्राह्मणों को फलाहारी भोजन करवाकर वस्त्र,दान आदि दिया जाता है

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क्यों करना जरूरी है उद्यापन (Significance)

किसी भी व्रत की पूर्णता तभी मानी जाती है जब विधि-विधान से उसका उद्यापन किया जाए, उद्यापन करना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि हम जो व्रत करते हैं उसके साक्षी तमाम देवी-देवता, यक्ष, नाग आदि होते हैं, ऐसे में उद्यापन के दौरान की जाने वाली पूजा और हवन से उन सभी देवी-देवताओं को उनका भाग प्राप्त होता है, इस दौरान किए जाने वाले दान-दक्षिणा से व्रत की पूर्णता होती है और मन इच्छा का फल मिलता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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ekadashi vrat vidhi niyam aur uddyapan kaise kare pujan samagri vidhi in hindi ekadashi fast closing method
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कैसे करें एकादशी व्रत और इसका उद्यापन, पूजन सामग्री और विधि क्या है 
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ये रही एकादशी व्रत की संपूर्ण विधि-नियम, पूजन सामग्री के साथ जानें उद्यापन का भी तरीका