डीएनए हिंदीः वैशाख शुक्लपक्ष की तृतीया के दिन आखा तीज मनाई जाती है यानी 3 मई के दिन अक्षय तृतीया है. माना जाता है कि इस दिन सोना, चांदी या किसी भी प्रकार के जेवरात खरीदना बहुत शुभ होता है. इतना ही नहीं इस दिन दान-पुण्य करने पर कई गुना ज्यादा फल मिलता है. कहा तो यह भी जाता है कि इस दिन किए गए कर्म का लाभ अगले जन्म में भी मिलता है.
भगवान विष्णु और पितरों की कृपा के लिए क्या करें?
ऐसे में आप भी इस दिन कई चीजों का दान कर सकते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी को पाना है तो विष्णु जी की अराधना की जाती है. इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन कलश भी दान किए जाते हैं. एक कलश पितरों के लिए दान किया जाता है जिसे जल से भरकर उसमें काले तिल, चंदन और सफेद फूल डालें जाते हैं. वहीं दूसरे कलश में जल भरकर सफेद जौ, पीला फूल, चंदन और पंचामृत डालकर उसपर फल रखने की मान्यता है.कलश दान करके पितरों और भगनाव विष्णु को प्रसन्न किया जा सकता है.
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Akshaya Tritiya पर किया होगी ग्रह नक्षत्रों की स्थिति?
इस बार अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन काल में मनाई जाएगी. आपको बता दें कि यह शुभ संयोग 30 साल बाद आया है. माना जा रहा है कि ग्रहों की ऐसी स्थिति 50 साल बाद बन रही है. 3 मई के दिन चन्द्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगा. जबकि शनि स्वराशि कुम्भ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे. चार ग्रहों का अनुकूल स्थिति में होना बहुत शुभ है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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