Diwali 2024 Maa Lakshmi And Ganesh Statue: हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस के दीपोत्सव से इसकी शुरुआत होगी. वहीं 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी. इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है. इसके लिए हर साल दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति खरीदी जाती है. दीपावली के पावन पर्व पर लक्ष्मी-गणेश की नई प्रतिमा या मूर्ति की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ और फलदायक होता है. आइए जानते हैं हर साल दिवाली क्यों खरीदी जाती है मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति, इसका महत्व से लेकर पिछली मूर्ति का क्या किया जाता है...
इसलिए खरीदी जाती है नई मूर्ति
धार्मिंक मान्याताओं के अनुसार, हर साल दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति खरीदकर उनकी पूजा अर्चना करना शुभ होता है. साथ ही बताया जाता है पुरानी मूर्तियां एक साल तक पूजा अर्चना के बाद पवित्रता खो देती हैं. इसलिए पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर दिवाली पर भगवान नई मूर्ति स्थापित की जाती है. इससे जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. इससे घर में शुद्धिकरण और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
स्थानांतरण करना है जरूरी
अगर आप दिवाली पर लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्ति नहीं ला पाएं हैं और पुरानी मूर्ति से ही पूजा करना चाहते हैं तो मूर्ति स्थानांतरण कर लें. यह बेहद जरूरी है. मान्यता है कि इससे पुरानी समस्याएं दूर हो जाती हैं. व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से छुटकारा मिल जाता है.
पुरानी मूर्ति का क्या करें
अगर आप असमंजस में हैं कि मां लक्ष्मी और गणेश जी की पुरानी मूर्ति का क्या करें तो परेशान न हो. मान्यताओं के अनुसार, भगवान की पुरानी मूर्ति को किसी नदी में प्रवाहित कर दें. इसकी जगह पर नई मूर्ति स्थापित कर विधिवत भगवान पूजा अर्चना करें. इससे माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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हर साल दिवाली पर क्यों खरीदी जाती है लक्ष्मी-गणेश जी की नई मूर्ति, जानें इसकी वजह और महत्व