डीएनए हिंदीः दिसंबर साल के अंत और नए साल की शुरुआत वाला महीना है. इसके अलावा इस महीने में महत्वपूर्ण त्यौहार भी आते हैं, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को जोड़ने वाली परंपराओं के खजाने हैं. धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर सांस्कृतिक उत्सवों तक यह महीना विशेष होता है. इस महीने में प्रमुख त्यौहार कौन से हैं? चलिए जानें.

कालभैरव अष्टमी  (5 दिसंबर, मंगलवार)
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का व्रत किया जाएगा. काल भैरव को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है. हर माह की कृष्ण की अष्टमी को कालाष्टमी या काल भैरव अष्टमी मनाई जाती है. इस दिन भगवान भैरव की पूजा अर्चना करने से सभी भय दूर हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिल जाती है. मान्यता है कि कालभैरव अष्टमी के दिन भैरव बाबा का नाम लेने से मात्र से सभी नकारात्मक शक्तियों का अंत हो जाता है.

8 दिसंबर- कार्तिक उत्पन्ना एकादशी:
उत्पन्ना एकदशी या कार्तिक बहुला एकदशी कृष्ण पक्ष की एकदशी है जो कार्तिक पूर्णिमा के बाद आती है. सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक, देवउत्थान एकादशी के बाद आने वाली एकादशी है. इस वर्ष यह 8 दिसंबर को है. इस दिन को कुछ स्थानों पर उस दिन के रूप में भी मनाया जाता है जब मुरासुर को मारने वाली कन्या विष्णु के शरीर से पैदा हुई थी.

11 दिसंबर - मासिक शिवरात्रि:
वैसे तो हर सोमवार भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है, इस तिथि को मास शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. इस बार शिवरात्रि 11 दिसंबर को मनाई जा रही है.

12 दिसंबर - कार्तिक अमावस्या:
भगवान शिव के प्रिय माह कार्तिक माह की अमावस्या 12 दिसंबर, मंगलवार को मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान देने का बहुत महत्व है. इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है उन्हें अमावस्या के दिन कुछ पूजा-पाठ भी करने चाहिए. कार्तिक अमावस्या को छठी अमावस्या या दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.

18 दिसंबर - चंपा षष्ठी:
चंपा षष्ठी इस बार 18 दिसंबर को मनाई जाती है. इस दिन शिव और उनके बड़े पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से पाप दूर होते हैं, कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती (22 दिसंबर, शुक्रवार)
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहते हैं. इसे मुक्कोटि एकदशी, पुत्रदा एकदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन वैकुंठ का उत्तरी द्वार खुलता है. सभी देवता भगवान विष्णु के दर्शन के लिए उस द्वार से जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि उससे उन्हें दर्शन मिलेंगे. इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना और उपवास करने से जन्म जन्मांतर के सभी पाप और कष्टों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस एकादशी का व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है और यह एकादशी मानसिक शांति देती है. इस दिन भगवान कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को गीता का ज्ञान भी दिया था इसलिए इस दिन को गीता जयंती भी मनाई जाती है.

24 दिसंबर- मुक्कोटि द्वादशी:
एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी पर, तैंतीस करोड़ देवता तिरुमाला मंदिर के पास स्वामी पुष्करणी में स्नान करते हैं, इसलिए इसका नाम मुक्कोटि द्वादशी है. जब हम कठिनाइयाँ आने पर भी विचलित हुए बिना सब कुछ स्वीकार कर लेते हैं तो हरि हमारे साथ खड़े होते हैं. इस मुक्कोटि द्वादशी का संदेश यह है कि भगवान के भक्त पोषित हुए बिना जीवित नहीं रह सकते.

25 दिसंबर - क्रिसमस:
हालाँकि क्रिसमस एक ईसाई त्योहार है, लेकिन यह पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है. इस दिन सड़कों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है और चर्चों में प्रार्थनाएं गूंजती हैं. परिवारों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है. गोवा, कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में इस त्योहार के लिए भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं.

26 दिसंबर - दत्तात्रेय जयंती:
ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर का संयुक्त रूप माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय की जयंती देश के कई हिस्सों में मनाई जाती है. दत्तात्रेय जयंती बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस दिन त्रिदेव यानी दत्तात्रेय की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त के कष्ट दूर हो जाएंगे और वह सुख के मार्ग पर अग्रसर होगा. इस बार दत्तात्रेय जयंती 26 दिसंबर को मनाई जा रही है.

30 दिसंबर - संकष्टहारा चतुर्थी:
30 दिसंबर को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी होने के कारण इसे संकष्ट चतुर्थी या संकष्टहारा चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. संस्कृत में संकष्ट शब्द का अर्थ है कठिन समय से मुक्ति. इसलिए इस दिन आपको सभी कठिनाइयों का समाधान करने के लिए कहा जाता है. इस दिन चंद्रोदय का समय रात 9.12 बजे है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
december festivals calendar 2023 Margashirsha maas vrat thyohar Amavasya Christmas ekadashi holidays in dec.
Short Title
साल के अंतिम महीने दिसंबर में कब कौन-सा पड़ेगा व्रत त्योहार, देखें पूरी लिस्ट 
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Vrat Festival ​December 2023
Caption

Vrat Festival ​December 2023

Date updated
Date published
Home Title

साल के अंतिम महीने दिसंबर में कब कौन-सा पड़ेगा व्रत त्योहार, देखें पूरी लिस्ट 

Word Count
854