Choti Diwali 2024 Importance: सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार सबसे बड़े पर्व में से एक है. दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस दिन यम का दीपक जलाने के साथ ही पापों के प्रतीक राक्षस नरकासुर के नाश की कामना से चार ज्योत वाले दीप जलाए जाते हैं. छोटी दीवाली पर शाम के समय घर के बाहर बाहर चौमुखा दीपक जलाया जाता है मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का संहार कर 16 हजार गोपियों को उसकी कैद से मुक्त कराया था. इसलिए छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है.
इसलिए मनाई जाती है छोटी दिवाली
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रति देव नाम के एक राजा थे. उन्होंने अपने जीवन में कभी कोई पाप नहीं किया था, लेकिन एक दिन उनके सामने यमदूत आकर खड़े हो गये. यह देख राजा को अचंभा हुआ और उन्होंने कहा कि मैंने तो कभी कोई पाप नहीं किया फिर भी क्या मुझे नरक जाना पड़ेगा. यह सुनकर यमदूत ने कहा कि एक बार आपके द्वार से एक ब्राह्मण भूखा लौट गया था, यह उसी पाप का फल है. यह सुनकर राजा ने प्रायश्चित करने के लिए यमदूत से एक वर्ष का समय मांग लिया. यमदूतों ने राजा को एक वर्ष का समय दे दिया. राजा ऋषियों के पास पहुंचे और उन्हें सारी कहानी सुनाकर अपनी इस दुविधा से मुक्ति का उपाय पूछा. तब ऋषि ने उन्हें बताया कि कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं.
ब्राह्मणों और गरीबों को कराएं भोजन
छोटी दिवाली गरीब और ब्राह्मणों को भोजन कराना बेहद शुभ होता है. ऐसा करने से जीवन में दरिद्रता और परेशानियां खत्म होती है. स्वर्ग जाने के रास्ते खुलते हैं, जीवन में चल रहा कष्ट और दुखों का निवारण होता है. भगवान की कृपा प्राप्त मिलती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, यहां पढ़ें पौराणिक कथा और इसका महत्व