डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म को समझने के लिए जीवन में कम से कम एक बार गीता अवश्य पढ़नी चाहिए. गीता में मानव जीवन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं को बहुत ही सरल भाषा में समझाया गया है. ऐसा कहा जाता है कि गीता सभी वैदिक ग्रंथों का प्रतीक है और जयंती मनाने वाला एकमात्र ग्रंथ है. महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन के जीवन सार को गीता का सार बताया था. गीता का महत्व सदियों से बना हुआ है.
श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए गीता के उपदेश आज के समय में लोगों को अपने जीवन में गहरे अवसाद से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं. हिंदुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी गीता को अपने जीवन में अपनाते हैं. जब अर्जुन ने युद्ध में अपने सगे-संबंधियो को देखा तो वह भावुक हो गए और अपना कर्तव्य त्यागने लगे थे तब श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे.
भगवत गीता जयंती शुभ समय
हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला भगवद गीता का जन्मदिन उत्सव इस वर्ष 23 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर 2023 को सुबह 8:15 बजे शुरू होगी. यह तिथि 23 दिसंबर 2023 को सुबह 7:10 बजे तक रहेगी.
गीता जयंती उत्सव
देशभर में गीता जयंती को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. मार्ग शीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था. उसी दिन को भगवद गीता के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. कई जगहों पर मंदिरों में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया जाता है. देशभर के मंदिरों में भगवान कृष्ण और गीता की पूजा की जाती है. भगवत गीता के जन्मदिन के अवसर पर भाषण पढ़े और सुने जाते हैं.
भगवद गीता के जन्म दिवस पर पूजा का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवत गीता के जन्म दिवस पर गीता और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा और दान करने से लोग अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं और ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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दिसंबर में इस दिन है गीता जयंती, जान लें इसका महत्व और पूजा का शुभ समय