डीएनए हिंदी: हमारे देश में कई सारे ऐसे मंदिर (Hindu Temple) हैं जहां पर अलग-अलग मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार भगवान जी की पूजा अर्चना (Bhagwan Puja) की जाती है. भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूजा करते हैं और कई चीजों का भोग भी लगाते हैं. लोग देवी देवताओं को फल, फूल, दूध मिठाई आदि चीजें अर्पित करते हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए सभी लोग इन चीजों का भोग लगाते हैं. लेकिन आज हम आपको बिहार के एक ऐसे मंदिर (Musharwa Baba Temple) के बारे में बताने वाले हैं जहां पर फल फूल नहीं बल्कि बीड़ी चढ़ाकर भगवान को प्रसन्न (Here Devotees Offer Bidi To God) करते हैं. बिहार के इस अनोखे मंदिर (Musharwa Baba Temple) में कई सालों से बीड़ी चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है. चलिए आज इस मंदिर (Musharwa Baba Temple) से जुड़ी मान्यता और परंपरा के बारे में जानते हैं.
बिहार कैमूर जिले में स्थित हैं मंदिर (Musharwa Baba Temple)
बिहार के इस मंदिर का नाम मुसहरवा बाबा मंदिर हैं. यहां पर भक्त लड्डू-पेड़ा या मिठाई नहीं बल्कि बीड़ी चढ़ाते हैं. मंदिर में भक्त बीड़ी जलाकर बाबा को भोग लगाते हैं. यह मुसहरवा बाबा मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड में स्थित है. मुसहरवा बाबा मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूर 1400 फीट की ऊंची पहाड़ी भभुआ अधौरा मेन रोड़ पर स्थित है.
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मुसहरवा मंदिर से जुड़ी मान्यता (Musharva Baba Temple Related Beliefs)
मंदिर और मुसहरवा बाबा को लेकर ऐसी मान्यता है कि लोग पहाड़ी चढ़ने और चढ़ने के बाद बाब को बीड़ी चढ़ाते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति की यात्रा में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. मंदिर में भक्त मुसहरवा बाबा को बीड़ी जलाकर भोग लगाते हैं. मंदिर में सिर्फ आस-पास के ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से भी भक्त आते हैं. सभी लोग बाबा को बीड़ी का भोग लगाते हैं जिनके पास बीड़ी नहीं होती है वह दान पेटी में बीड़ी के लिए पैसे डालते हैं. भक्त अपनी कुशल मंगल यात्रा के लिए बाबा को बीड़ी चढ़ाते हैं.
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मंगलमय यात्रा के लिए भक्त इस मंदिर में चढ़ाते हैं बीड़ी, जानें मंदिर से जुड़ी मान्यताएं