डीएनए हिंदी: Bhai Dooj Puja Shubh Muhurat, Tilak, Sanyog, Significance, Katha- 50 साल बाद इस साल भाई दूज (Bhai Dooj 2022) पर ऐसा संयोग (Sanyog) बन रहा है जो भाई बहन के रिश्ते में और प्यार बढ़ाएगा. इस साल 26 या 27 अक्टूबर इन दोनों दिनों में से कौन से दिन भाई दूज मनाया जाएगा, इसे लेकर कंफ्यूजन है, हालांकि दोनों दिन को ही महत्व दिया जा रहा है. उदयातिथि के अनुसार 27 अक्टूबर की तिथि शुभ है लेकिन वैसे कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर दोपहर 1.30 मिनट पर शुरू हो जाएगी, ऐसे में दोनों दिन कुछ शुभ समय निर्धारित किए गए हैं, आईे जानते हैं कब है भाई को टीका लगाने का शुभ समय, पूजा, तिलक विधि और महत्व

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) 

दोपहर 01.18 - दोपहर 03.33 (26 अक्टूबर 2022)
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:03 - दोपहर 02:48
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:49 - शाम 06:14

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27 अक्टूबर को दोपहर 12:14 से दोपहर 12:45 तक भाई दूज का शुभ मुहूर्त माना जा रहा है. 

कैसे करें पूजा और तिलक की विधि (Puja Vidhi and Tilak) 

भाई दूज के मौके पर स्नान करके नए वस्त्र पहन कर शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक लगाएं. तिलक के लिए आरती की थाली को अच्छे से सजाएं, थाली में दीपक,रोली-अक्षत,फुल, मिठाई आदि रखें. भाई को एक छोटी सी चौकी पर बैठने दें और फिर पहले उसे तिलक लगाएं और फिर आरती करें, इसके बाद उसका मुंह मीठा करें. साथ में कहें कि यम के द्वार पर लगा फोटा, भाई को लगाया टीका..

मान्यता और कथा (Significance and Katha) 

मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से यमदेव की पूजा अर्चना करने से अकाल मृत्यु व आकस्मिक निधन का भय खत्म होता है. भाई को लंबी उम्र मिलती है,इस दिन यमदेव पहली बार अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे,बहन ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया था, इस दिन से प्रत्येक वर्ष भाईदूज का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव और उनकी पत्नी संज्ञा को संतान की प्राप्ति हुई,पुत्र का नाम यम और पुत्री का नाम यमुना था, संज्ञा भगवान सूर्यदेव का तप सहन नहीं कर पाती थी,ऐसे में वह अपनी छाया उत्पन्न कर पुत्र और पुत्री को उसे सौंपकर मायके चली गई.

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छाया को अपनी संतानों से कोई मोह नहीं था,लेकिन भाई-बहन में आपस में बहुत प्रेम था. यमुना शादी के बाद हमेशा भाई को भोजन पर अपने घर बुलाया करती थी,लेकिन व्यस्तता के कारण यमराज यमुना की बात को टाल दिया करते थे क्योंकि उन्हें अपने कार्य से इतना समय नहीं मिल पाता था कि वह अपनी बहन के यहां भोजन के लिए जा सकें, लेकिन बहन द्वारा दिए गए आमंत्रण और काफी जिद के बाद वह कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यमुना से मिलने उनके घर पहुंचे

यमुना भी को अचानक देख काफी प्रसन्न हुई और यमदेव का स्वागत सत्कार कर माथे पर तिलक लगाकर भोजन करवाया. बहन के आदर सत्कार से प्रसन्न होकर यमदेव ने उनसे कुछ मांगने के लिए कहा तभी यमुना ने उनसे हर साल इसी दिन घर आने के लिए अनुरोध किया. यमुना के इस निवेदन को स्वीकार करते हुए यम देव ने उन्हें कुछ आभूषण और उपहार दिया

तिलक लगाते समय इस मंत्र का जाप करें (Mantra) 

भाई दूज पर टीका करते समय बहन को इस मंत्र का जाप करना चाहिए, गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को,सुभद्रा पूजा कृष्‍ण को,गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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भाई दूज कब, तिलक लगाने का शुभ समय क्या, 50 साल बाद बना ऐसा संयोग, महत्व
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कब है भाई दूज? जानिए तिलक लगाने का शुभ समय, 50 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग