Bhagavad Gita Quotes: कुरुक्षेत्र के युद्ध में कृष्ण ने अर्जुन को जो सलाह दी वह श्रीमद्भगवद्गीता का विषय है. यह हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों में से एक है. यह पुस्तक व्यक्ति को धर्म की सही शब्दावली सिखाती है. इस पुस्तक में धर्म के मार्ग पर चलने की विधि बताई गई है. यह पवित्र ग्रंथ व्यक्ति को पुनः मोक्ष के मार्ग पर ले जाता है. श्रीमद्भगवद्गीता पारंपरिक हिंदू धर्म का आधार है. हालांकि आज के युग में, कई लोग धर्म और कर्म के वास्तविक स्वरूप को भूल गए हैं. इसलिए गीता के ज्ञान और शिक्षाओं को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित कुछ बातें यहां दी गई हैं. ये कहावतें व्यक्ति को बोरियत से मुक्ति दिलाएंगी. आप जीवन में प्रगति एवं सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकेंगे. सबसे बढ़कर, गीता का ज्ञान व्यक्ति को बेहतर इंसान बनाएगा.
श्रीमद्भगवद्गीता के अनमोल वचन
- कोई व्यक्ति जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से महान होता है. बुरे कर्म, चाहे बड़े हों या छोटे, हमेशा विनाश का कारण बनते हैं. क्योंकि नाव में छेद छोटा हो या बड़ा, नाव डूबेगी ही.
- जो होना है वह होकर रहेगा, और जो नहीं होना है वह कभी नहीं होगा. जो लोग इस बात पर आश्वस्त हैं, वे कभी भी चिंता से ग्रस्त नहीं होते.
- यदि आप अच्छे काम भी करते हैं तो लोग केवल आपकी बुराइयां ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं, इस पर ध्यान मत दीजिए, केवल अपना काम कीजिए.
- आत्मा को पतन की ओर ले जाने वाले तीन मार्ग हैं. ये हैं वासना, क्रोध और लोभ. इन्हें त्याग देना ही सर्वोत्तम है.
आदत से सब कुछ नियंत्रित किया जा सकता है
- सच्चा धर्म यह है कि जो चीज मनुष्य अपने लिए अच्छी नहीं समझता, उसे दूसरों के लिए प्रयोग न करे.
- अत्यधिक खुशी और अत्यधिक दुःख के समय कोई भी निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए. क्योंकि ये दोनों ही स्थितियां सही निर्णय लेने की अनुमति नहीं देतीं.
- कोई भी व्यक्ति अपने विश्वास के अनुसार अपना विकास करता है. वह अपने विश्वास के अनुसार स्वयं का निर्माण करता है.
- जब हमारा मन कमजोर होता है तो परिस्थितियां समस्याओं में बदल जाती हैं और जब हमारा मन कठोर होता है तो परिस्थितियां संघर्ष में बदल जाती हैं. जब मन मजबूत होता है तो परिस्थितियां अवसरों में बदल जाती हैं.
- निरंतर प्रयास से अशांत मन को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है.
- जिस प्रकार आग सोने की परीक्षा लेती है, उसी प्रकार कठिन समय भी बहादुरों की परीक्षा लेता है, जो व्यक्ति परिणाम की इच्छा छोड़ देता है और केवल कर्म पर ध्यान केंद्रित करता है, वह निश्चित रूप से अपने जीवन में सफल होगा.
- परिवर्तन संसार का नियम है, संसार की सभी चीजें समय के अनुसार परिवर्तन के नियम का पालन करती हैं.
- व्यक्ति सदैव अपने भाग्य को ही दोष देता है. वे जानते हैं कि उनके कर्म उनके भाग्य से बड़े हैं. काम करना उसके हाथ में है.
- वह व्यक्ति जिसने अपनी सभी भौतिक इच्छाओं का त्याग कर दिया है तथा जो इन्द्रिय तृप्ति की लालसा, प्रभुत्व की इच्छा और अहंकार से मुक्त है, वह पूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है.
- आत्मा अजन्मा, शाश्वत, नित्य और पुरानी है. शरीर मर भी जाए तो भी वह नहीं मरता.
- किसी व्यक्ति को अपने कार्यों के संभावित परिणामों, जैसे जीत या हार, लाभ या हानि, खुशी या दुःख, की चिंता नहीं करनी चाहिए.
- काम करो, परिणाम की चिंता मत करो.
- अपने आप को भगवान के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ी शरण है, जिसने इस शरण को पहचान लिया वह भय, चिंता और शोक से मुक्त हो जाता है.
- मुझे यह अहंकार नहीं करना चाहिए कि मुझे किसी की आवश्यकता नहीं है, न ही मुझे यह भ्रम होना चाहिए कि सभी को मेरी आवश्यकता होगी.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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गीता के ये वचन आपको दिखाएंगे सही रास्ता, एक बार सीखकर खुद को बना सकते हैं समृद्ध