डीएनए हिंदी: शनिवार 10 सितंबर को भादप्रद का महीना खत्म हो रहा है. जिसके बाद 11 सितंबर से आश्विन मास और पितृपक्ष (Pitru paksha 2022) शुरू हो जाएगा. इस बार भादप्रद पूर्णिमा 10 सितंबर को शनिवार के दिन पड़ रहा है जिसमें भगवान विष्णु के साथ साथ शनिदेव और हनुमान जी की पूजा का योग बन रहा है. भादप्रद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima 2022) से श्राद्ध कर्म शुरू होता है. ऐसे में पितृपक्ष में इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि पूर्णिमा हो. भादप्रद पूर्णिमा (Bhadrapada) के दिन सुबह जल्दी स्नान कर तांबे के लोटे से सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए साथ ही ॐ हूं सूर्याय नम: का जाप करना चाहिए.
भादप्रद पूर्णिमा के दिन करें यह काम
मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान-पुण्य करने से मनुष्य को शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसलिए इस दिन देश भर के कई पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. यदि आप नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर मे ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. साथ ही स्नान करते समय पवित्र नदियों के नाम का सुमिरन करना चाहिए.
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इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा का शुभ योग बन रहा है ऐसे में इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनने व पढ़ने औऱ हनुमान जी के सामने दीपक जला कर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
मान्यताओं के अनुसार इस दिन जरूरतमंद लोगों को धन,अनाज, जूते, चप्पल और कपड़ों का दान करना चाहिए साथ ही इस दिन गौ-सेवा भी करनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Bhadrapada Purnima 2022: 10 सितंबर को बन रहा है भादप्रद पूर्णिमा का योग, कर सकते हैं यह शुभ काम