डीएनए हिंदीः छतरपुर के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री अपने पांच दिन के एकांतवास से वापस लौट आए हैं. बता दें कि 15 से 20 जून तक तक पंडित धीरेंद्न शास्त्री एकांतवास में रहे थे. लेकिन उनका ये एकांतवास कहां था इसका खुलासा नहीं हुआ है. एकांतवास से लौटकर एक वीडियो जारी कर बताया की उन्होंने एक सूत्र सीखा है कि जब ताली बजती है, तब गाली भी मिलती है. गाली पर ध्यान न देकर ताली को स्वर में ध्यान देना चाहिए.
एकांतवास के बाद 21 जून की शाम को खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचें बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने अपने द्वारा लिखी गई एक किताब के संदर्भ में बताया कि, बाला जी की कृपा से एकांतवास के दौरान उनके पुस्तक लेखन का कार्य पूरा हो गया है. उनके द्वारा जो यह किताब लिखी गई है वह खासतौर से सनातन को लेकर और 12वीं तक के बच्चों में सनातन और हिंदुत्व को लेकर नव जागृति पैदा करने के लिए लिखी गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, जीवन में मैंने एक सूत्र सीखा है कि जब ताली बजती है, तो गाली भी मिलती है.
सनातन धर्म पर लिखी किताब
किताब के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि,12वीं तक के बच्चों में धर्म व सनातन के प्रति आस्था के साथ एक नया चिंतन पैदा हो सहित विभिन्न अन्य कई और मुद्दों को लेकर संदर्भित यह एक किताब है. इस किताब का विमोचन एक से डेढ़ माह के अंदर हो जाएगा और किताब लिखने के लिए वह एकांतवास में कहां थे यह भी विमोचन के बाद इस किताब के माध्यम से ही खुलासा होगा. उन्होने बताया कि 1 जुलाई से 5 जुलाई तक गुरु पूर्णिमा महोत्सव बागेश्वर धाम में मनाया जाएगा.
वहीं उन्होंने खजुराहो के पर्यटन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, निश्चित रूप से खजुराहो का पर्यटन फले-फूले और उसके लिए उनके द्वारा जो भी प्रयास संभव होगा जरूर करेंगे.
दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में कथा करने वाले हैं धीरेंद्र शास्त्री
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री जुलाई में दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में कथा करनेवाले हैं. खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा आने से पहले आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 4 जुलाई को अपना जन्मदिन मनाएंगे.
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एकांतवास से लौटे धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन धर्म पर लिखी किताब, भक्तों को दिया खास मंत्र