डीएनए हिंदीः आज सोमवार 24 अक्टूबर को दिवाली की पूजा शुभ समय शाम 5 बजे के बाद ही मिलेगा क्योंकि कार्तिक अमावस्या शाम को शुरू हो रही है और अगले दिन शाम 5 बजे तक रहेगी. क्योंकि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है इसलिए आज ही पूजा का शुभ समय शाम और रात में ही रहेंगे.
बता दें कि 2000 साल बाद दीपावली पर बुध, गुरु, शुक्र और शनि खुद की राशि में हैं होंगे और देवी लक्ष्मी और गणपति की पूजा के समय पांच राजयोग बनाएंगे. ये पंच राजयोग सुख-समृद्धि और लाभ दिलाने वाला है.
दिवाली की संपूर्ण पूजा विधि-स्त्रोत और मंत्र, जानें पूजा सामग्री से प्रदोषकाल मुहूर्त तक सब कुछ
लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ समय
24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लग रहा है और इसी दिन प्रदोष काल में और मध्यरात्रि में अमावस्या तिथि है इसलिए 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पूजन गृहस्थजन प्रदोष काल में करेंगे.
इस साल कार्तिक अमावस्या दिवाली के दिन प्रदोष काल शाम में 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा. इस समय चर चौघड़िया रहेगा जो शाम में 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा. शाम में मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है. ऐसे में स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए स्थिर लग्न में शाम 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट से पहले गृहस्थ जनों को देवी लक्ष्मी की पूजा आरंभ कर लेनी चाहिए.
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निशीथ काल में दिवाली पूजा
जो लोग प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन नहीं कर पाते हैं या विशेष सिद्धि के लिए लक्ष्मी पूजन करना चाहते हैं वह दिवाली की रात में निशीथ काल में 8 बजकर 19 मिनट से रात 10 बजकर 55 मिनट के बीच पूजा कर सकते हैं.
महानिशीथ काल में दिवाली पूजा
महानिशीथ काल में दिवाली की साधना साधक लोग करते हैं. तंत्र साधना के लिए यह समय अति उत्तम रहेगा. रात 10 बजकर 55 मिनट से रात 1 बजकर 31 मिनट महानिशीथ काल में तंत्रोक्त विधि से दिवाली पूजन किया जा सकता है.
दिवाली पूजा ऐसे करें
पानी के लोटे में गंगाजल मिलाएं। वो पानी कुशा या फूल से खुद पर छिड़कर पवित्र हो जाएं.
पूजा में शामिल लोगों को और खुद को तिलक लगाकर पूजा शुरू करें।
पहले गणेश, फिर कलश उसके बाद स्थापित सभी देवी-देवता और आखिरी में लक्ष्मी पूजा करें.
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गणेश पूजा की सरल विधि
ॐ गं गणपतये नमः मंत्र बोलते हुए गणेश जी को पानी और पंचामृत से नहलाएं. पूजन सामग्री चढ़ाएं. नैवेद्य लगाएं। धूप.दीप दिखाएं और दक्षिणा चढ़ाएं.
बहीखाता और सरस्वती पूजा
फूल.अक्षत लेकर सरस्वती का ध्यान कर के आह्वान करें। ऊँ सरस्वत्यै नम: बोलते हुए एक.एक कर के पूजन सामग्री देवी की मूर्ति पर चढ़ाएं। इसी मंत्र से पेनए पुस्तक और बहीखाता की पूजा करें. इसके बाद विष्णु पूजा करें.
विष्णु पूजा की विधि
मंत्र . ॐ विष्णवे नमः
भगवान विष्णु की मूर्ति को पहले पानी फिर पंचामृत से नहलाएं. शंख में पानी और दूध भर के अभिषेक करें. फिर कलावाए चंदनए अक्षतए अबीरए गुलाल और जनेऊ सहित पूजन सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद हार.फूल और नारियल चढ़ाएं. मिठाई और मौसमी फलों का नैवेद्य लगाएं। धूप.दीप दिखाएं और दक्षिणा चढ़ाकर प्रणाम करें.
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दीपक पूजन
मंत्र . ॐ दीपावल्यै नमः
- एक थाली में 11, 21 या उससे ज्यादा दीपक जलाकर लक्ष्मी जी के पास रखें.
- फूल और कुछ पत्तियां हाथ में लें। साथ में पूजन सामग्री भी लें.
- मंत्र बोलते हुए फूल पत्तियां चढ़ाते हुए दीपमालिकाओं की पूजा करें.
- दीपक की पूजा कर संतराए ईख और धान चढ़ाएं.
- धान भगवान गणेश, महालक्ष्मी और सभी देवी-देवताओं को भी अर्पित करें.
संक्षेप में जानें दिवाली पूजा का शुभ समय
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक
लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल - शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक
दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त - रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक
अवधि - 50 मिनट तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2022
सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चल):17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) :22:29 से 24:05 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चल):25:41 से 30:27 मिनट तक
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