डीएनए हिंदी: हमारे भाग्यफल पर हमारी रोज़मर्रा की आदतों का बेहद योगदान है. तेल लगाने जैसी छोटी सी क्रिया भी हमारे भविष्य का रुख तय कर सकती है. उदाहरण स्वरूप मंगलवार को यदि तेल लगाते हैं, तो घर में बीमारी का वास हो जाता है.द्वादशी को तेल का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए. इससे घर में दरिद्रता और निर्धनता आती है. साथ ही, नवमी को तेल लगाने से किसी भी बड़े काम में नुकसान झेलना पड़ सकता है. साथ ही शारीरिक क्षमता भी क्षीण पड़ जाती है.
ऐसे लगाएं तेल तो कुंडली में बढ़ेगा ग्रहों का प्रभाव
अगर जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है. सूर्य अपने तुला राशि या राहु और केतु के साथ है तो ऐसे में सरसों के तेल खाने में इस्तेमाल करें. तिल का तेल में इत्र मिला कर शरीर पर लगाने से भी सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
अगर जन्मकुडली में मंगल ग्रह कमजोर है. कर्क राशि का मंगल है या मंगल शनि के साथ बैठकर पीड़ित हो रहा है, या मंगल सूर्य के साथ बैठकर अस्त हो रहा है, तो ऐसे में तिल का तेल में सिन्दूर मिला कर लगा सकते हैं.
जन्मकुंडली में चंद्रमा अगर कमजोर है, तो सफेद तिल का तेल लगा सकते हैं वहीं अगर बुध ग्रह कमजोर है तो नारियल के तेल में ब्राह्मी मिलाकर इसका प्रयोग करें. अगर नारियल के तेल के साथ मिलाकर ब्राह्मी का सेवन किया जाए तो मनुष्य का मन मस्तिष्क ऊर्जावान हो जाता है.
तेल लगाने से शुक्र और शनि ऐसे होंगे मज़बूत
शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए तिल, उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, आचार, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग करना चाहिए. कस्तुरी, लोबान तथा सौंफ की सुगंध शनि देव को पसंद है. शनि का सम्बन्ध तिल के तेल से है. तिल के तेल का दान शुभ है. अगर जन्मकुंडली में जीवन के सुख का कारक शुक्र ग्रह कमजोर है, नारियल, तिल या चमेली का तेल जरूर लगाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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