डीएनए हिंदीः आज शरद पूर्णिमा है और आज की रात आसमान से अमृतवर्षा होती है. चांद की चांदनी में औषधिय गुणों का समावेश माना जाता है और यही कारण है आज रात खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाती है और चांदनी का सेवन किया जाता है.
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा को कई जगह कोजागिरी भी कहते हैं. इस दिन लोग रात में जागते हैं और चांदनी में खुले बदन रहते हैं. नवविवाहित पुरुषों को चांदनी में खुले बदन घूमने को बहुत उत्तम माना गया है. माना जाता है कि इससे पुरुष के वीर्य पुष्ट होते हैं और उसकी शारीरिक क्षमता का विकास होता है, इसलिए नवविवाहितों के लिए ये रात खास होती है.
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कुछ जगहों पर शरद पूर्णिमा की रात को जागने और चांदनी में बैठकर जागरण करने का भी विधान है. कहीं जागरण, कहीं खीर तो कहीं चांदनी सेवन और चांद को टकटकी लगाकर देखने का रिवाज है.
क्यों होती है शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की पूजा
मान्यता है कि सागर मंथन से जब मां लक्ष्मी प्रकट हुईं तो उस दिन शरद पूर्णिमा का ही शुभ अवसर था. इस रात को सोना वर्जित होता है इसलिए इसे कोजागरा रात कहा जाता है. मान्यता है कि इस रात को मां लक्ष्मी स्वयं धरती पर आती हैं और देखती हैं कि कौन-कौन से घरों में उनकी पूजा हो रही है.
यहां नवविवाहितों की होती है पूजा
मिथिलांचल में इस रात को नवविवाहित पुरुषों के घर में उत्सव जैसा माहौल होता है. यहां इस दिन दूल्हे का विशेष परंपराओं के साथ पूजन किया जाता है. मिठाई, मखाना, मछली और कौड़ी के साथ पूजन होता है. इस दिन वधु के परिवार की तरफ से दूल्हे और उसके घर वालों के लिए उपहार आते हैं. लोग एक.दूसरे को सुपारी और मखाना देकर बधाई देते हैं. इस दिन यहां के लोग नवविवाहित जोड़े को दही लगाकर उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीष देते हैं.
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कर्ज से मिलती है मुक्ति
शरद पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपको कर्ज से मुक्ति मिलती है. इस दिन खास तौर पर चावल की खीर बनाकर चंद्रमा की चांदनी में रखी जाती है और इस खीर को खाने से शारीरिक समस्याएं ही नहीं आर्थिक दिक्कतें भी दूर होती हैं. कर्ज से मुक्ति मिलती है.
लक्ष्मी और इंद्र की कृपा प्राप्त होगी
माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी के साथद इंद्रदेवता भी अपने वाहन ऐरावत हाथी पर बैठकर धरती पर आते हैं और देखते हैं कि कौन जाग रहा है और कौन सो रहा है. जो जाग रहा होता है कि उसे मां लक्ष्मी के साथ इंद्र देवता की कृपा प्राप्त होती है. इंद्र देवता की कृपा से आपके वैवाहिक जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है और पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज नवविवाहित पुरुषों के लिए बेहद खास है शरद पूर्णिमा की रात, जानिए वजह