डीएनए हिंदीः आज रविवार को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या है और आज के दिन पितरों की विदाई होती है. इस खास दिन चलिए जानें कि पितरों का तपर्ण कैसे करें और किन मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही पितरों को विदा करते समय क्या एक चीज जरूर करनी चाहिए.
सर्वपितृ अमावस्या पर जाने-अनजाने सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है. आज के दिन भी शाम के समय पितरों के निमित्त दीपदान किया जाता है. आज पितर वापस अपने लोक लौट जाते हैं.
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आज जो लोग पूरे 16 दिन तर्पण नहीं कर पाया होता है वह आज के दिन अपने हर पूर्वजों के लिए मपर्ण करता है. सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के मौके पर ऐसे लोग जिन्हें अपने पूर्वजों की तिथियों का ज्ञान नहीं है और विभिन्ना तरह से अकाल मौत हुई हो आदि सभी का तर्पण करने का विधान है.
श्राद्ध कर्म दोपहर में तीन बजे तक आज जरूर पूरा कर लें. आज के दिन कुशा का विसर्जन करना चाहिए. सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर सपरिवार सूर्य को अर्घ्य् देने का बहुत बड़ा महत्व है. इससे साल भर किसी तरह की परेशानी नहीं आती. इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी श्राद्ध करना चाहिए.
पितरों को विदा करते हुए जरूर करें ये काम
पितरों को विदा करते हुए उनसे क्षमा मांगे और पूजा के दौरान हुई भूल-चूक के लिए माफी मांगनी चाहिए. क्षमा याचना अगर न की जाए तो छोटी सी चूक से भी पितर नाराज हो जाते हैं. इसलिए उनकी नाराजगी से बचने के लिए क्षमा याचना जरूर करें.
पितर प्रार्थना मंत्र
1- पितृभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
पितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
प्रपितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
सर्व पितृभ्यो श्र्द्ध्या नमो नम:।।
2- ॐ नमो व :पितरो रसाय नमो व:
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।
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तर्पण विधि
पितृ पक्ष में हर दिन पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. तर्पण के समय सबसे पहले देवों के लिए तर्पण करते हैं. तर्पण के लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए. तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे संतुष्ट हों और आपको आशीर्वाद दें.
1. देवताओं के लिए आप पूर्व दिशा में मुख करके कुश लेकर अक्षत् से तर्पण करें.
2. इसके बाद जौ और कुश लेकर ऋषियों के लिए तर्पण करें.
3. फिर उत्तर दिशा में अपना मुख कर लें. जौ और कुश से मानव तर्पण करें.
4. सबसे अंत में दक्षिण दिशा में मुख कर लें और काले तिल व कुश से पितरों का तर्पण करें.
अपने वचनों से पितरों को करें तृप्त
शास्त्रों में बताया गया है कि आपके पास श्राद्ध कर्म करने के लिए धन नहीं है तो आप अपने पितरों को अपने वचनों से भी तृप्त कर सकते हैं. इसके लिए आप पितरों से प्रार्थना करते हुए कहें कि हे पितृगण! आपके पास अपने सभी पितरों के लिए श्रद्धा है, इसलिए आप अपने श्रद्धापूर्ण वचनों से आप सभी को तृप्त कर रहे हैं, आप सभी इससे तृप्त हों और यह प्रार्थना स्वीकार करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Pitru Paksha : आज अंतिम दिन पितरों की विदाई पर ऐसे दें तर्पण और जरूर करें ये काम