डीएनए हिंदीः धर्मग्रंथों में वर्णित है कि जब कलयुग (Kalyuga) में अनाचार और अत्याचार चरम पर होगा तो इसके ढलान के दिन शुरू होंगे. अब इस युग की समाप्ति करीब आने लगी है और भगवान विष्णु के काल्कि अवतार (Vishnu Ji Ka Kalki Avatar) के दिन नजदीक आ रहे हैं.
कलयुग का काल क्या (How long is Kali Yuga) है और कब ये खत्म होगा और भगवान विष्णु का काल्कि अवतार कब होग, इससे जु़ड़ी जानकारी चलिए आपको धर्मग्रंथों के अनुसार दें. सनातन धर्म में 4 युगों के बारे में बताया गया है. इसमें पहला सतयुग, दूसरा द्वापर युग, तीसरा त्रेता युग और चौथा कलयुग है.
इस समय चौथा युग यानी कलयुग चल रहा है. कलयुग को चारों युगों में सबसे अधार्मिक और निकृष्ट माना गया है. इस युग में सत्य और धर्म की हानि होगी और अनाचार चरम पर रहने का उल्लेख किया गया था और यह सत्य साबित हो रहा है.
इस युग में मानवता की रक्षा के लिए भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में सामने आएंगे. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कलयुग के कितने साल बीत चुके हैं और इस युग का अंत कब होगा.
इतने सालों बाद खत्म होगा कलयुग
पुराणों के अनुसार पृथ्वी पर कलयुग का इतिहास 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा. बता दें कि कलयुग का आरंभ तब हुआ था, जब मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह मेष राशि पर जीरो डिग्री पर आ गए थे. आधुनिक काल की गणना के अनुसार यह समय वर्ष 3102 ईसा पूर्व का था. ईसा मसीह के जन्म के बाद 2022 साल और बीत चुके हैं. कलयुग शुरू हुए को अब तक 5124 वर्ष गुजर चुके हैं. ऐसे में अगर 4 लाख 32 हजार वर्षों में से 5124 वर्ष घटाएं जाए तो 4,26,876 वर्ष शेष बच जाते हैं. कलयुग खत्म होने में अभी काफी लंबा समय बाकी है और तब तक दुनिया को काफी कुछ देखना पड़ सकता है.
भगवान विष्णु लेंगे कल्कि अवतार
जब दुनिया में अत्याचार और अनाचार चरम पर पहुंच जाएंगे और जनता त्राहि-त्राहि कर रही होगी, तब मानवता की रक्षा के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर पृथ्वी पर अवतार लेंगे. वे कलयुग में कल्कि अवतार के रूप में सामने आएंगे और सफेद घोड़े पर सवार होकर असुर रूप धारी बुरे लोगों का संहार करके दुनिया से भय और आतंक को समाप्त कर देंगे. जिसके बाद दुनिया में फिर से सत्य युग की स्थापना होगी. हालांकि भगवान विष्णु के इस अवतार में कई वर्षों का समय बाकी है. अभी से कल्कि अवतार की चर्चा और उनकी पूजा आरती की जाती है.
महर्षि वेदव्यास ने की थी भविष्यवाणी
महाकाव्य महाभारत लिखने वाले महर्षि वेदव्यास ने हजारों साल पहले ही कलयुग के बारे में भविष्यवाणी कर दी थी. महर्षि वेदव्यास के अनुसार जैसे-जैसे कलयुग आगे बढ़ेगा, पृथ्वी पर अनाचार और अत्याचार बढ़ते चले जाएंगे. राजा लोग शूद्र तुल्य होते चले जाएंगे और ब्राह्मणों में संस्कारों का नाश हो जाएगा. राष्ट्र की अधीरता बढ़ेगी और वीरता-संपन्नता खत्म हो जाएगी. शिष्य अपने गुरुओं का पालन नहीं करेंगे. विवाह को संस्कार नहीं माना जाएगा. लोग वेदों का पालन नहीं करेंगे. हत्या-लूट की घटनाएं बढ़ेंगी. आश्रम की पद्धतियां खत्म हो जाएंगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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कलयुग के 5 हजार 124 साल बीते, भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का दिन आ रहा करीब