डीएनए हिंदी : गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है. त्रिदेवों में एक भगवान विष्णु को जगत का पालनहार भी माना जाता है. मान्यता के अनुसार इनकी सच्चे मन से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह भी माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा से गुरु का दोष खत्म होता है.
पुराणों के मुताबिक भगवान विष्णु की पूजा से उनकी पत्नी मां लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं. हालांकि भगवान की पूजा रोज़ की जा सकती है पर गुरुवार को पुष्य योग में उनकी पूजा का विशेष महत्व है.
गुरु पुष्य योग में कैसे होती है श्रीहरि की पूजा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पुष्य योग में साफ चित्त से श्रीहरि को याद किया जाता है तो उनके साथ-साथ लक्ष्मी जी कृपा भी बरसती है. इस पूजा से विवाह न होने, आर्थिक दिक्कत, मानसिक अशांति जैसी कई परेशानियों का हल निकलता है. साथ ही इस गुरु पुष्य योग में व्रत शुरू कर लगातार लगातार सात गुरुवार करने से घर का दोष भी दूर होता है और मन को शांति मिलती है.
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Bhagwan Vishnu Pujan : कैसे करें पूजा
गुरु पुष्य योग के दिन पूजा के लिए व्रत रखना सबसे शुभ माना गया है. सुबह स्नान करके पूजा स्थल पर बैठें, फिर भगवान विष्णु की मूर्ती का अभिषेक गंगा जल से करें. पूजा की शुरुआत के लिए 'ऊं नमो नारायणाय' मंत्र का जाप किया जा सकता है. इस मन्त्र का जाप कम से कम 108 बार करना ज़रूरी है. इससे घर में सुख और यश आता है. इसके बाद विष्णु चालसा पढ़ा जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. DNA Hindi इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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