डीएनए हिंदी: 10 Things About Makar Sankranti 2023- मकर संक्रांति साल का पहला बड़ा पर्व होता है, इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) बेहद खास होने वाला. क्योंकि इस दिन सूर्य देव का शनि देव (Shani Planet) से मिलन होगा (Surya Shani Gochar) . इस दिन ये दोनों ग्रह मकर राशि (Makar Rashi) में मौजूद रहेंगे. सनातन धर्म में मकर संक्रांति का खास महत्व है, इसके अलावा इस दिन को वैज्ञानिक दृष्टि से भी खास माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति के दुख मिट जाते हैं और जीवन में सुख आने के द्वार खुल जाते हैं. ऐसे में अगर आपके मन में इससे संबंधित कोई सवाल उठ रहा, तो आपके सवाल का जवाब यहां मिल सकता है. आज हम आपको बता रहे हैं मकर संक्रांति से जुड़े 10 सवालों का सही-सही जवाब. तो चलिए जानते हैं.
कब है मकर संक्रांति 2023?
इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी दिन रविवार को मनाया जाएगा और मकर संक्रांति का क्षण 14 जनवरी की रात 08:14 बजे है.\
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कब है मकर संक्रांति 2023 का पुण्यकाल?
ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 46 मिनट तक है. इसके अलावा इस दिन महा पुण्यकाल सुबह 07:15 बजे से लेकर सुबह 09:00 बजे तक है.
क्या है मकर संक्रांति 2023 पर स्नान-दान का मुहूर्त?
इस बार मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल के समय में आप स्नान और दान कर सकते हैं. हालांकि इस दिन सूर्योदय के समय से ही स्नान-दान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
मकर संक्रांति 2023 शुभ योग क्या है?
मकर संक्रांति पर प्रात:काल से ही सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है, जो कि सुबह 11:51 बजे तक रहेगा. जिसके बाद धृति योग का निर्माण होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुकर्मा योग पूजा पाठ के लिए अच्छा माना जाता है.
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कब मनाते हैं मकर संक्रांति?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति होता है. इस समय मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. लेकिन स्नान और दान उदयातिथि अनुसार किया जाता है.
क्या है मकर संक्रांति 2023 का वाहन?
इस बार मकर संक्रांति का वाहन व्याघ्र यानि बाघ है और उपवाहन घोड़ा, अस्त्र गदा, दृष्टि ईशान, करण मुख दक्षिण, वारमुख पश्चिम और पीला वस्त्र है.
मकर संक्रांति पर क्या दान करें?
इस दिन स्नान के बाद काला तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल, गरम वस्त्र, घी आदि का दान करना चाहिए.
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मकर संक्रांति की पूजा विधि क्या है?
इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल में लाल फूल, अक्षत् डालकर अर्घ्य देना चाहिए और सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद गुड़, गरम कपड़े, काला तिल, खिचड़ी आदि का दान करना चाहिए.
क्या है मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण का अर्थ
इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है. उत्तरायण में सूर्य देव का तेज बढ़ता है, दिन बड़े होते हैं और गर्मी बढ़ने लगती है. इस दौरान सूर्य देव की गति मकर से कर्क की ओर होती है, वहीं सूर्य देव जब कर्क से मकर की ओर बढ़ते हैं तो वह दक्षिणायन होता है.
क्या है मकर संक्रांति का महत्व?
इस दिन से खरमास समाप्त हो जाता है और विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान-दान व पूजा-पाठ करने से व्यक्ति निरोगी और ऊर्जावान रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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