हर ग्रह का एक रत्न होता है. रत्नशास्त्र में 9 रत्न और 84 उप-रत्न होते हैं. 9 रत्न हैं मूंगा, मोती, माणिक, पुखराज, पन्ना, नीलम, गोमेद, हीरा और नीलम. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बिना ज्योतिषी से परामर्श किए रत्न धारण नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं रत्नों से मिलने वाले लाभ और धारण करने का तरीका...
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सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक्य पहनना महत्वपूर्ण माना जाता है. माणिक्य सूर्य का रत्न है. रविवार की सुबह सोने की अंगूठी में माणिक्य रत्न को अनामिका उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है.
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मोती चन्द्रमा का रत्न है. चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने और अच्छे परिणाम पाने के लिए मोती पहनना शुभ माना जाता है. इस रत्न को चांदी की अंगूठी में छोटी उंगली में पहनना चाहिए. सोमवार की सुबह मोती धारण करना शुभ होता है.
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मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है. मूंगा को चांदी की अंगूठी में अनामिका उंगली में पहनना चाहिए. मंगलवार की सुबह मूंगा रत्न पहनना शुभ माना जाता है.
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पन्ना बुध का रत्न है. बुध ग्रह की शक्ति व्यक्ति के जीवन में खुशियाँ और सौभाग्य लाती है. पन्ना रत्न को सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए. बुधवार की सुबह छोटी उंगली में पन्ना पहनना चाहिए.
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पुखराज गुरु का रत्न है. पुखराज को सोने की अंगूठी में तर्जनी अंगुली में पहनना चाहिए. गुरुवार की सुबह पुखराज धारण करना शुभ होता है.
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हीरा शुक्र का रत्न है. हीरा को चांदी या प्लेटिनम की अंगूठी में छोटी उंगली में पहनना चाहिए. शुक्रवार की सुबह हीरा धारण करना शुभ माना जाता है.
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नीलम शनि का रत्न है. नीलम को पंचधातु या चांदी की अंगूठी में मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए. नीलम रत्न को शनिवार की शाम को धारण करना शुभ माना जाता है.
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लहसुनिया केतु का रत्न है. केतु रत्न को चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए. मंगलवार या शनिवार को सूर्यास्त के बाद अनामिका उंगली में बिल्ली की आंख का रत्न पहना जा सकता है.