माना जाता है शाम के समय नकरात्मक शक्तियां ज्यादा सक्रिय रहती हैं. ऐसे में इस समय किए गए काम से उन्हें और शक्ति मिलती है.
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सूरज ढलने के बाद 9 काम ऐसे होते हैं, जिन्हें करने से घर—परिवार में दुख, शोक और आर्थिक संकट पैदा होते हैं. पुराणों में माना जाता है कि सूर्यास्त के साथ ही खास काम करने वाले पर ही नहीं, उसके परिवार पर भी संकट कायम रहता है.
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सूरज ढलने के बाद नाखून और बाल काटने कि मनाही है. ऐसा करने से घर में नकरात्मक शक्तियां हावी होती हैं. मान्यता है ऐसा करने से घर पर कर्ज बढ़ता है.
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सूर्यास्त के बाद कपड़े धोने या शाम के बाद कपडे को बाहर ही रहने देनाा भी अशुभ होता है.ऐसा करने से आकाश की सारी निगेटिव एनर्जी कपड़ों में प्रवेश करती है और इंसान इन्हें पहनकर बीमार हो सकता है.
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पुराणों में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से मरने वाले को परलोक में कष्ट भोगना पड़ता है और अगले जन्म में वह अपंग पैदा हो सकता है.
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मान्यता है कि कभी भी सूर्यास्त के बाद पेड़ पौधों को छूना या उनके पत्ते तोड़ना नहीं चाहिए. यह भी माना जाता है कि उन्हें पानी भी रात के समय नहीं देना चाहिए. कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद पेड़ पौधे भी सो जाते हैं.
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सूर्यास्त के बाद भोजन या पानी को खुला नहीं रखना चाहिए. इन्हें हमेशा ढककर ही रखना चाहिए अगर छोड़ दिया जाए तो इसमें निगेटिव एनर्जी का वास हो जाता है जिसे खाने से बीमार हो सकते हैं.
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मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू-पोछा या साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है.
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दही का संबंध शुक्र ग्रह से है और शुक्र को धन वैभव का प्रदाता माना गया है. ऐसे में सूर्यास्त के समय या सूर्यास्त के बाद दही का दान करने से सुख-समृद्धि चली जाती है.
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सूर्यास्त के ठीक बाद यानी कि गोधुली बेला में नहीं सोना चाहिए. इस समय संभोग भी वर्जित माना जाता है. ऐसा करने से पति-पत्नी की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. इस समय पूजा पाठ करने की बात की गई है.
Short Title
सूर्यास्त के बाद न करें ये इन 9 काम, दुखदर्द नहीं होगा कम