Christmas 2021 की रौनक इस वक्त पूरे देश और दुनिया में नजर आ रही है. इस त्योहार को मनाने से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. त्योहार की शुरुआत कैसे हुई, क्यों मनाते हैं और इससे जुड़ी कौन-कौन सी परंपराएं हैं, इन सबके बारे में जानें इस फोटो स्टोरी में.
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यूं तो बाइबल में 25 दिसंबर को ही जीसस क्राइस्ट के जन्म का जिक्र नहीं है. ऐसा कहा जाता है कि चौथी शताब्दी के मध्य में धर्मगुरुओं और बहुत से राज्य और चर्च के प्रतिनिधियों ने 25 दिसंबर के दिन को क्रिसमस के लिए चुना.
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आधिकारिक तौर पर 1870 में, अमेरिका ने क्रिसमस के दिन फेडरेल हॉलिडे का ऐलान किया. इसके बाद से दुनिया भर में क्रिसमस की छुट्टी 25 दिसंबर को दी जाने लगी.
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क्रिसमस ट्री के साथ ही चर्च और दूसरी जगहों पर क्रिब या चरनी भी बनाया जाता है. क्रिब में Jesus के जन्म के समय का चित्र होता है. कहते हैं कि जीसस क्राइस्ट का जन्म गौशाला में हुआ था.
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बताया जाता है कि संत निकोलस को सांता क्लॉज कहते हैं. तुर्किस्तान के मायरा के रोवानिएमी गांव में संत निकोलस का जन्म हुआ था. वह हमेशा दूसरों की मदद करते थे. संत निकोलस क्रिसमस के दौरान गरीब बच्चों को तोहफे देते थे और यह काम वह सबसे छुपाकर करते थे. दूसरों की मदद की भावना से ही क्रिसमस पर सांता क्लॉज की परंपरा बनी.
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पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर ईसा मसीह के जन्मदिवस को 25 दिसंबर के दिन ही मनाने का ऐलान किया था. तब से हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म दिवस के तौर पर क्रिसमस डे मनाया जाता है.