डीएनए हिंदी: पंचाग के अनुसार इस बार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार मनाया जाता है. भगवान शिव ने इसी दिन माता पार्वती से विवाह किया था. इसीलिए भक्त इस दिन भगवान शिव की बारात निकालते हैं. लोग इस दिन व्रत रखते हैं और पूरे दिन भगवान शिव का ही ध्यान धारण करते हैं. इस मौके पर भगवान शिव के भक्त शिवलिंग को ज्यादा पूजते हैं लेकिन आखिर इसकी वजह क्या है चलिए इसे बताते हैं क्योंकि इसके पीछे भी कुछ अहम कारक हैं.
माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव जी मूर्ति से ज्यादा शिवलिंग की पूजा को अहमियत दी जाती है औऱ जो लोग शिवलिंग को पूजते हैं उनकी प्रार्थना आसानी से फलित होती है. पौराणिक कथा और मान्यता के अनुसार ही फाल्गुन महीने की चतुर्दशी को अर्थात महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव शिवलिंग के रूप में पहली बार प्रकट हुए थे. इस दौरान शिवलिंग के रूप में ही भगवान शिव ने भगवान विष्णु और ब्रह्मदेव को दर्शन दिए थे.
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यही कारण है कि शिवलिंग के पूजन को महाशिवरात्रि के दिन अधिक महत्व दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करने से आत्मिक रूप से व्यक्ति का शुद्धिकरण होता है. इसके अलावा शिवलिंग की पूजा करने से दिमाग की तरंगों पर प्रभाव पड़ता है और बुद्धि तीव्र होती है जो कि मानवीय सहयोगों के लिए फलदायी कहा जाता है. शिवलिंग की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है.
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पुराणों के अनुसार शिवलिंग के पूजन के फल की बात करें तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करने से अकाल मृत्यु जैसे योग नहीं बनते हैं. महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करने से माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है और पूजा करने से जीवन में खुशहाली के योग बनते हैं.
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महाशिवरात्रि पर मूर्ति के बजाए क्यों होती है शिवलिंग की पूजा, जानिए इस खास पूजन का रहस्य