डीएनए हिंदी: गणेश जमोत्सव (Ganesh Utsav 2022) का पर्व देश भर में हर्सोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सभी देवताओं में प्रथम पूज्यनीय मूषक पर सवार भगवान गणेश का अद्भुत रूप देख कर मन में यह सवाल उठता है कि भगवान गणेश की सवारी एक चूहा ही क्यों है? दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. आइए जानते हैं भगवान गणेश की सवारी आखिर एक चूहा क्यों है.
क्रोंच को दिया था मुनि वामदेव ने श्राप
भगवान गणेश की सवारी मूषक होने की पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है. कथा के अनुसार एक बार भगवान इंद्र ने किसी गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए मुनियों की एक सभा बुलाई थी जहां भगवान इंद्र ने अर्धिदेविये और अर्धिराक्षसिये प्रवृत्ति वाले नर क्रोंच को भी आमंत्रित किया. इस सभा के दौरान क्रोंच का पैर गलती से मुनि वामदेव को लग गया जिससे मुनि वामदेव क्रोधित हो उठे और क्रोंच को चूहा बनने का श्राप दे दिया.
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मुनि के श्राप देने पर क्रोंच एक विशालकाय चूहा बन गया और और बेहोश होकर ऋषि पराशर के आश्रम पर जा गिरा जहां क्रोंच ने आश्रम को तहस नहस कर दिया वहां पर मौजूद सभी वस्त्र और ग्रन्थों को कुतर दिया.
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इस दौरान भगवान गणेश ने क्रोंच को पकड़ने के लिए एक फंदा फेंका. फंदे में फसा क्रोंच भगवान गणेश से अपने प्राणों की भीख मांगने लगा. क्रोंच ने अपने बुर कर्मो के लिए भगवान गणेश से माफी मांगी और हमेशा के लिए श्री गणेश का वाहन बन गए.
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Lord Ganesha's vaahan: भगवान गणेश की सवारी क्यों है चूहा, जानें विनायक की इस सवारी का किस्सा