डीएनए हिंदी: किसी भी व्यक्ति को जीवन सुधारने के लिए कुछ अहम नीतियों का पालन करना आवश्यक होता है. जीवन के कुछ सूत्र ऐसे होते हैं जिनका पालन करने से आपके जीवन में खुशहाली आ सकती है. कोई कभीर के दौहों का पालन करता है तो कोई रहीम को. इसी तरह आचार्य चाणक्य को जीवन की सीख देने के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.चाणक्य की नीतियों को इसीलिए ही आज के युग में भी सबसे अच्छा समझा जाता है. ऐसी ही चाणक्य की सीख गंदगी से जुड़ी है जिसमें वे कहते हैं कि कुछ गंदगी में पड़ी चीजों को भी लोगों को उठा लेना चाहिए लेकिन क्यों, चलिए आपको बताते हैं.
दरअसल आचार्य चाणक्य ने अपने एक श्लोक में कहा है-
विषादप्यमृतं ग्राह्यममेध्यादपि काञ्चनम्।
रनीचादप्युत्तमां विद्यांस्त्रीरत्नं दुष्कुलादपि।।
दो नहीं तीन दिनों की हो रही हैं होली, जानें कब है होलिका दहन और किस दिन खेली जाएंगी रंगों की होली
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस श्लोक का मतलब क्या है तो इसमें आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जहर से भी मनुष्य को अमृत निकालने की कोशिश करनी चाहिए यानी आप को बुरी से बुरी चीजों में अच्छी चीज़े खोजने की कोशिश करनी चाहिए. अगर आप चीजों को देखने के लिए अपना नजरिया बदल देते है तो आप को ऊंचाई पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है.
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इसका मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि आपको बुरे में अच्छा ढूंढकर उस अच्छे का पालन करते हुए अपने मुख्य लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए क्योंकि इसके दम पर ही आप बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
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चाणक्य नीति: गंदगी के बीच रखी ये चीजें होती है अनमोल, उठाने से बदल जाएगी किस्मत