डीएनए हिंदी: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वासुदेव द्वादशी व्रत (Vasudev Dwadashi Vrat 2022) रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 10 जुलाई 2022 को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार (Vaman Avatar) की पूजा की जाती है. स्कंद पुराण में भी इसका वर्णन मिलता है. मान्यता है कि वासुदेव एकादशी व्रत के दिन भगवान वामन की पूजा करने से पाप और शारीरिक परेशानियां खत्म हो जाती हैं. आइए जानते क्या हो भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा विधि और क्या करना चाहिए इस दिन.
वामन अवतार की पूजा विधि (Vaman Avatar Puja Avtar)
वासुदेव द्वादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान कर लें और गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें. इसके बाद भगवान वामन के पूजा और व्रत का संकल्प लें और भगवान वामन की मूर्ति का शंख में दूध डालकर अभिषेक करें. अगर वामन देव की मूर्ति नहीं है तो भगवान विष्णु के मूर्ति का अभिषेक करें.
इसके बाद भगवान की आरती करें और प्रसाद बांट दें. फिर सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंदों को चावल, दही और मिश्री का दान करें.
Yogini Ekadashi 2022: भगवान विष्णु की कृपा के लिए करें योगिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ
महीने में किसी एक गुरुवार को करवाएं बच्चों को भोजन
मान्यता है कि आषाढ़ मास (Ashadh Month 2022) के किसी भी गुरुवार के दिन भगवान वामन की पूजा की जानी चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन व्रत और पूजा के बाद छोटे बच्चों को ज़रूर भोजन करवाएं. ऐसा करने से भगवान विष्णु के वामन अवतार बहुत प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Vasudev Dwadashi Vrat 2022: आषाढ़ मास 2022 में इस दिन करें भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा