डीएनए हिंदी: न्याय के देवता शनिदेव ( Shani Jayanti 2022 ) का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है. भगवान शनि लोगों को कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं. मान्यता यह है कि साढ़ेसाती और ढय्या के दौरान लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल दिया जाता है. शनि जयंती पर भगवान शनि की विशेष पूजा करने से कई तरह के सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. इस दिन शनि मंदिरों में अपने मनोकामना के साथ आते हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं. जानिए किन राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
29 अप्रैल को शनि ग्रह राशि परिवर्तन कर मकर से कुंभ में आए थे. इस दौरान मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा है, वहीं कुंभ राशि पर दूसरा और मकर राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है. शनि अमावस्या के दिन कर्क और वृश्चिक राशि पर प्रभाव पड़ेगा.
करें ये उपाय
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शनि जयंती ( Shani Jayanti 2022 ) के दिन शनि मंदिर जाएं और शनि देव पर सरसों का तेल अर्पित करें. इस दौरान तेल में काला तिल और काली दाल डाल लें। साथ ही एक काला कपड़ा भगवान शनि को अर्पित करें.
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हो सके तो शनि जन्मोत्सव से पहले घोड़े की नाल का अंगूठी बनवा लें और इस सरसों के तेल में डाल दें. फिर ज्योतिष की सलाह लेकर शनि जयंती के दिन इसे धारण करें. इससे बुरे दिन दूर हो जाएंगे.
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इस दिन काली गाय या काले कुत्ते को रोटी खिलाएं साढेसाती और ढय्या के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए यह अचूक उपाय है.
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शनि जयंती ( Shani Jayanti 2022 ) के दिन बन रहा है खास संयोग
इस साल शनि जयंती 2022 को बहुत खास योग बन रहे हैं क्योंकि इस दिन सोमवती अमावस्या का भी संयोग बन रहा है. साथ ही इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा. इस दिन शनिदेव का कुम्भ राशि में होने के कारण सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Shani Jayanti 2022: इन 5 राशियों पर है शनिदेव की नजर, बचने के लिए करें ये उपाय