डीएनए हिंदी: कल देश भर में भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा (Rath Yatra 2022) निकली जाएगी. इसका असर रांची के भगवान जगन्नाथ मंदिर में भी देखने को मिला जब आज यानि गुरुवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में उमड़ने लगी. आज सभी भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए इसलिए आए हैं क्योंकि वे 16 दिनों के बाद अज्ञातवास से बाहर आएंगे. नेत्रदान पूजा (Netradan Puja) का समय शाम के 4:30 बजे निर्धारित किया गया है. विधिवत पूजा के बाद भगवान को भोग लगाया जाएगा. हालांकि भगवान के दर्शन से पहले 108 बत्ती की मंगल आरती की जाएगी.
नेत्रदान पूजा का मतलब (Netradan Puja 2022)
भगवान जगन्नाथ जी जब 16 दिनों के अज्ञातवास से लौटते हैं तब नेत्रदान पूजा की जाती है. नेत्रदान पूजा का अर्थ है कि पुरोहित भगवान के नेत्रों का शृंगार करते हैं. बता दें कि भगवान का यह अज्ञातवास ज्येष्ठ पास पूर्णिमा के दिन से शुरू हो जाता है. मान्यता है कि इस दिन उन्हें विशेष जल से नहलाया जाता है जिस वजह से वह बीमार पड़ जाते हैं और विश्राम के लिए अज्ञातवास में चले जाते हैं. तबीयत ठीक होने के बाद भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी के साथ भव्य रथों पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं और मौसीबाड़ी जाएंगे. इस वर्ष यह यात्रा 1 जुलाई 2022 शुक्रवार को निकाली जाएगी.
Jagannath Rath Yatra 2022: जानिए जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े कुछ एकदम अनोखे फैक्ट्स
पवित्र शहर पुरी में इतने बजे शुरू होगी रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2022 Time)
ओडिशा के पवित्र शहर पुरी में भी रथ यात्रा का विशेष महत्व है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानि 30 जून को सुबह 10:49 पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 01 जुलाई दोपहर 01:09 पर होगा.
Rath Yatra 2022: जिस रथ पर विराजमान होंगे भगवान जगन्नाथ जानें उसकी विशेषता
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Rath Yatra 2022: आज 16 दिनों के अज्ञातवास से लौटेंगे भगवान जगन्नाथ, होगी नेत्रदान पूजा