डीएनए हिंदी: गरुड़ पुराण (Garud Puran Niyam) में कई ऐसी बातों को बताया गया है जिनका पालन करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. यह हिंदू धर्म शास्त्र मृत्यु के बारे में विस्तार से बातें करता है. हर धर्म में मृत्यु के बाद कुछ नियम और परंपराओं का पालन किया जाता है. हिंदू धर्म के लिए गरुड़ पुराण में भी कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से दिवंगत व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त होती है. एक ऐसा ही नियम यह है जिसके अनुसार घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद चूल्हा नहीं जलाना चाहिए और भोजन नहीं पकाना चाहिए. साथ ही मृतक का परिवार अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक कई ऐसे परंपराओं का पालन करता है.
क्यों मृत्यु के बाद घर में नहीं जलता है चूल्हा? (Garud Puran Niyam after Death)
गरुड़ पुराण के अनुसार जब भी घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है उस घर में अंतिम संस्कार क्रिया होने तक चूल्हा नहीं जलाना चाहिए. कहा गया है कि अंतिम संस्कार क्रिया के बाद ही घर में चूल्हा या खाना बनाना चाहिए.
कुछ क्षेत्रों में इस नियम का पालन 3 दिन तक किया जाता है. इसके पीछे धार्मिक कारण होने के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ है. इसके साथ गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब तक व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं होता है तब तक वह परिवार के मोह से बंधा होता है. ऐसे में उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए घर में चूल्हा नहीं जलाना चाहिए.
गरुड़ पुराण का ये नियम रखता है बीमारियों को दूर (Garud Puran in Hindi)
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह नियम परिवार और उन सभी व्यक्तियों के लिए जरूरी है जो अंतिम संस्कार का हिस्सा बने हैं. इसके अनुसार मृतक के बाद के बाद कई ऐसी बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए अंतिम संस्कार के बाद स्नान करने के बाद इसका खतरा न के बराबर हो जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Garud Puran Niyam: घर में किसी की मृत्यु के बाद नहीं जलता है चूल्हा? जानिए वजह