डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में हनुमान जी (Hanuman Bahuk Path) का स्थान महत्वपूर्ण है. उनकी आराधना से सभी कष्ट, दुख और दरिद्रता दूर हो जाते हैं. कलयुग में हनुमान जी को चिरंजीवी कहां गया है. मान्यता यह है कि प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा करने से भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण एवं हनुमान अष्टक पाठ करने की सलाह दी जाती है. भगवान हनुमान के महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक हनुमान बाहुक स्त्रोत को भी अत्यंत लाभकारी माना गया है. मंगलवार को इसका पाठ करने से रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं जानते हैं. आइए जानते क्या है इस मंत्र का महत्व किस तरह किया जाना चाहिए इसका पाठ.
हनुमान बाहुक पाठ का महत्व (Hanuman Bahuk Path Importance)
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान बाहुक स्त्रोत कलयुग में शारीरिक पीड़ा से छुटकारा दिलाता है. कहते हैं कि कलयुग के प्रकोप से तुलसीदास जी को शारीरिक पीड़ा हुई थी. तब उन्होंने हनुमान बाहुक स्रोत की रचना की और इसके बाद उनकी सभी पीड़ा है खत्म हो गई.
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हनुमान जी के हनुमान बाहुक (Hanuman Bahuk Path) का विधि विधान से पाठ करने से वात रोग, सिर दर्द, जोड़ों के दर्द, गले की समस्या इत्यादि दूर हो जाती है. व्यक्ति को इस स्त्रोत का पाठ हर मंगलवार के दिन करना चाहिए. पाठ करते समय भगवान हनुमान जी की तस्वीर के सामने एक कलश में जल भरकर रखें और उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें. पाठ के बाद वह जल पी जाएं. ऐसा करने से तमाम शारीरिक कष्ट और रोग दूर हो जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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