डीएनए हिंदी: विद्वानों में आचार्य चाणक्य का नाम शीर्ष पर लिया जाता है. उनके द्वारा रचित नीतियों को देश-विदेश में पढ़ा जाता है. उनके नीतियों (Chanakya Niti) को समझने वाला व्यक्ति सफलता के मार्ग पर बिना रुके चलता है. अर्थशास्त्र, राजनीति, कूटनीति सहित कई अन्य विषयों में भी आचार्य ने मनुष्य का अपनी नीतियों के माध्यम से मार्गदर्शन किया है. चाणक्य नीति के इस भाग में हम जानेंगे कि किन जगहों पर ठहरने से मुश्किलें पास आती है.
धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक में आचार्य ने बाताया है कि जहां कोई धनी, विद्वान, राजा, वैद्य और नदी न हो उस जगह क्षण भर भी नहीं रुकना चाहिए.
Niti Shatakam: भर्तृहरि मुनि के अनुसार मूर्ख और ज्ञानी व्यक्तियों में यह अंतर होता है
आचार्य (Chanakya Niti in Hindi) ने इस श्लोक के माध्यम से बताया है कि जहां धन नहीं होता वहां समस्याएं अधिक मात्रा में होती हैं. जहां विद्वान नहीं होते हैं वहां ज्ञान का अभाव होता है. जिस स्थान पर कोई राजा नहीं होता है वहां अनुशासन और सुरक्षा का अभाव होता है. जिस जगह पर वैद्य नहीं होते हैं वहां बीमारियों का खतरा हर समय बना रहता है और जहां जल स्रोत नहीं है पानी के लिए मीलों चलना पड़ता है और कई प्रकार की समस्याएं सताती रहती हैं.
Niti Shatakam of Bhartrihari: किसी देश में पढ़े लिखे गरीब हों तो वह वहांं के शासक का दुर्भाग्य है
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Chanakya Niti: न रुका करें इन जगहों पर, पड़ जाएंगे मुश्किल में