डीएनए हिंदी : 12 मई को गुरुवार और एकादशी का सुंदर संयोग है. यह दिन मोहिनी एकादशी का भी है. गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु का दिन विशेष होता है. इस दिन की पूजा कुंडली में भी गुरु को मज़बूत करती है. हिन्दू धर्म में गुरुवार(Guruvar Vrat Puja) के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए गुरुवार के दिन को सबसे शुभ और उत्तम बताया गया है.
साथ करें लक्ष्मी और विष्णु की पूजा
मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की एक साथ पूजा करने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा. आपके परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आएगी.
गुरु यानी बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी कहा जाता है. ज्योतिष में गुरु को धन, सुखी पारिवारिक जीवन और संतान का कारक भी माना जाता है.
अगर कुंडली में गुरु खराब है, तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाता. पुराणों में बताया गया है कि गुरुवार(Guruvar Vrat Puja) के दिन पीली चीजों का दान बहुत शुभ होता है. इस दिन केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करने से गुरु मजबूत होता है और आपको आरोग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
सुबह उठ कर करें यह काम
गुरुवार(Guruvar Vrat Puja) के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते हुए ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें. साथ ही किसी भी तरह के दोष को दूर करने के लिए पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें और फिर पीले कपड़े पहनें.
शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु को पीले रंग की चीजें बहुत प्रिय हैं, इसलिए गुरुवार के दिन ब्राह्मणों को पीले रंग की वस्तुएं जैसे- चने की दाल, फल आदि दान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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