डीएनए हिंदी: विज्ञान की दुनिया में यह माना जाता है कि धरती पर मौजूद सभी स्तनधारी जीवों के पैदा होने का स्रोत एक ही है. चाहे वह व्हेल मछली हो या कोई छोटा सा जीव. एक स्टडी के मुताबिक, आज से लगभग 18 करोड़ साल पहले स्तनधारियों का यह पूर्वज पृथ्वी पर मौजूद था. इसी रिसर्च में सामने आया है कि लगभग 20 करोड़ साल पहले धरती पर रहने वाला Morganucodon ही इंसानों का असली पूर्वज है. वैज्ञानिकों को इससे जुड़े कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे यह बात काफी हद तक साबित भी होी है. यह छोटा सा जीव वर्तमान समय के चूहे के जैसा होता है.
यह स्टडी 26 सितंबर को 'प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी साइंसेज' में प्रकाशित हुई है. इस स्टडी में 32 जीवों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं. इनमें इंसान, चिंपैंजी, चूहे, दुधारू जानवर, चमगादड़, पैंगोलिन और गेंडे भी शामिल हैं. तुलनात्मक अध्ययन के लिए मुर्गी और चाइनीज़ घड़ियालों के सैंपल भी जांचे गए. इन सभी के सैंपल को लेकर जीनोम बनाए जा रहे हैं. यह कवायद अर्थ बायोजीनोम प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
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आज के जीवों जैसे ही होते थे क्रोमोसोम
जीनोम रीकंस्ट्रक्शन में सामने आया है कि स्तनधारियों में दो सेक्स क्रोमोसोम और 19 ऑटोसोमल क्रोमोसोम पाए जाते थे. इसका मतलब है कि इस तरह के जीवों के गुणधर्म, सेक्स आधारित क्रोमोसोम वाले जीवों से अलग होते हैं. इस टीम ने 32 जीनोम में कुल 1,215 जीन क्लस्टर की खोज की है. ये क्लस्टर एक ही क्रम में पाए जाते हैं और इनमें क्रोमोसोम भी एक जैसे ही होते हैं.
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वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी पता लगाया है कि स्तनधारियों के इन पूर्वजों में 9 पूर्ण क्रोमोसोम या क्रोमोसोम फ्रैगमेंट पाए जाते थे जो आज के पक्षियों के जीन के जैसे ही हैं. रिसर्च पेपर में कहा गया है कि इस शोध से पता चलता है कि 32 करोड़ सालों में स्तनधारियों का विकास काफी तेज गति से हुआ है.
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बंदर नहीं 'चूहे' थे इंसानों के असली पूर्वज? नई स्टडी ने किए खुलासे