डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया. इसरो ने श्रीहरीकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड से आज यानी 26 नवंबर को ओशनसैट-3 (Oceansat-3) लॉन्च किया. यह लॉन्चिंग सुबह 11:56 बजे PSLV रॉकेट से की गई. पीएसएलवी-सी54 अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (Earth Observation Satellite) के साथ ही 8 अन्य उपग्रह भी अपने साथ लेकर गया है.
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि पीएसएलवी-सी54 ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को सफलतापूर्वक उसकी लक्षित कक्षा में स्थापित कर दिया है. पीएसएलवी-सी54 अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट के साथ 8 नैनो सैटेलाइट्स को भी लॉन्च किए गए. ISRO के चीफ ने कहा कि 44.4 मीटर लंबा रॉकेट 25.30 घंटे की उलटी गिनती के बाद यहां स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11 बजकर 56 मिनट के पूर्व निर्धारित समय पर अपने अभियान पर रवाना हुआ.
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17 मिनट बाद अलग हुआ Earth Observation सैटेलाइट
सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी-सी54 के प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद इच्छित कक्षा में पहुंचने पर अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट या ओशनसैट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया और उसे कक्षा में स्थापित कर दिया गया.
LAUNCH! ISRO's PSLV rocket launches with the EOS-06 spacecraft from the Satish Dhawan Space Centre.
— Chris Bergin - NSF (@NASASpaceflight) November 26, 2022
Overview:https://t.co/HOyGjgMISW - by William Graham (@w_d_graham)
Livestream:https://t.co/zgp7t4WrY3 pic.twitter.com/w6vDvqTvIL
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साइंटिस्ट PSLV-C54 के साथ गए अन्य उपग्रहों को एक अलग कक्षा में स्थापित करने के लिए रॉकेट को नीचे करेंगे और इस कवायद में दो घंटे का समय लगने की उम्मीद है. इस साल के लिए इसरो का यह आखिरी मिशन है.
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ISRO ने फिर रचा इतिहास, 8 नैनो सैटेलाइट के साथ Oceansat-3 किया लॉन्च