डीएनए हिंदी: पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड (Earth Magnetic Field) कई अहम वैज्ञानिक घटनाओं के लिए बेहद ज़रूरी है. यह पृथ्वी को कॉस्मिक रेडिएशन (Cosmic Radiation) और सूरज से निकलने वाली रेडिएशन से बचाती है. डेनमार्क टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Denmark Technical University) के वैज्ञानिकों ने पहली बार पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड के सिग्नलों को आवाज में बदला है. यह आवाज काफी डरावनी लगती है और ऐसा लगता है कि भारी भरकम पहाड़ टूट रहा हो.
पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड, सतह से लगभग 3,000 किलोमीटर नीचे से लेकर बाहरी कोर के पास तक होती है. इसमें बेहद गर्म और तरल आयरन होता है जो कि घूमता रहता है. सतह से इतना नीचे होने के बावजूद इसका असर सतह पर भी पड़ता है. सूरज से आने वाले चार्ज्ड पार्टिकल जब ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के अणुओं और परमाणुओं से टकराते हैं तो हरी-नीली रोशनी पैदा होती है जो हमें अरोरा बोरियालिस के रूप में दिखाई देती है.
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कुछ यूं आती है पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड की आवाज, क्या आपने कभी सुनी?#Earth #MagneticField pic.twitter.com/P9NOvNPbFk
— DNA Hindi (@DnaHindi) October 31, 2022
मैग्नेटिक फील्ड के बारे में जारी है रिसर्च
लंबे समय से पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड का अध्ययन जारी है, ताकि इसे विस्तार से समझा जा सके. वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश में लगे हैं कि मैग्नेटिक फील्ड कैसे तैयार होती है और यह किस तरह से पृथ्वी की कोर के साथ-साथ मैंटल, क्रस्ट, समुद्र और वातावरण पर भी असर डालती है.
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डेनमार्क टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट सपोर्टर क्लाउस नीलसन इसके बारे में बताते हैं, 'हमारी टीम ने ESA Swarm सैटेलाइट के अलावा कई अन्य स्रोतों से मिले डेटा का इस्तेमाल किया और इन मैग्नेटिक सिग्नल को आवाज में बदला. साइंस और कला को साथ लाने वाले प्रोजेक्ट के रूप में यह मिशन काफी अहम और सफल रहा है.'
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पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड से आती है डरावनी सी आवाज, सुनकर नहीं होगा भरोसा