डीएनए हिंदीः केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की घोषणा की है. 2014 के बाद पहली बार टैक्स एग्जेम्पशन की लिमिट को बढ़ाया गया है जिसमें इसे 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा आयकर रीबेट लिमिट को भी 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है.
इसका मतलब है कि 7 लाख रुपये तक आपका जो भी टैक्स बनेगा उसे सरकार माफ कर देगी. इसके साथ ही सरकार ने टैक्स स्लैब को भी 6 से घटाकर पांच कर दिया है. हालांकि यह राहत नए टैक्स सिस्टम के तहत दिया गया है और पुराने सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऐसे में अगर आपके भी दिमाग में यह सवाल है कि पुराने और नए टैक्स स्लैब में क्या अंतर है तो इसे यहां समझें...
पुराना इनकम टैक्स स्लैब क्या है?
सरकार ने तीन साल पहले 2020 में नए टैक्स सिस्टम को इंट्रोड्यूस किया था जिसमें
- 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है. साथ ही यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है.
- तीन लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर भी पिछले वर्ग की तरह ही 5 फीसद की दर से टैक्स है और यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है.
- 5 से 7.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत
- 7.5 से 10 लाख रुपये सपर 20 प्रतिशत
- 10 से 12.50 लाख रुपये पर 30 प्रतिशत
- 12.50 से 15 लाख रुपये से अधिक पर 30 प्रतिशत
- 15 लाख रुपये से अधिक पर 30 प्रतिशत का चार्ज लिया जाता है.
नए टैक्स स्लैब में क्या मिलेगा
सरकार ने आज इनकम टैक्स की दरों में बड़ा बदलाव किया है जिसके तहत तीन लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. नए टैक्स सिस्टम के तहत अब पांच स्लैब रेट निर्धारित किए गए हैं. हालांकि ये 7 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होंगे क्योंकि सरकार ने रीबेट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है. जो इस प्रकार हैं.
- 3 लाख से 6 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत
- 6 लाख से 9 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत
- 9 लाख से 12 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत
- 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत
- 15 लाख रुपये से ऊपर 30 प्रतिशत
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New vs Old Tax Regime: नए और पुराने में कितना फर्क, आसान भाषा में समझें टैक्स का गणित