डीएनए हिंदी : नेपाल (Nepal) की ज़मीन ज़िंदा है. यह बात पहली बार सुनने पर हास्यास्पद लगेगी, पर यह सच है. नेपाल का टेक्टॉनिक प्लेट जिन्हें इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट भी कहा जाता है, लगातार शिफ्ट कर रहा है. माना जाता है कि अगले करोड़ सालों में नेपाल की ज़मीन 1500 किलो मीटर आगे बढ़ जाएगी.
अप्रैल 2015 में नेपाल में आए भूकंप की वजह भी देश के टेक्टॉनिक प्लेट का घूमना ही मानी गई थी. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 थी. इसमें हज़ारों लोगों की जान गई थी और उससे कहीं अधिक घायल हुए थे. नेपाल के कई पहाड़ी गांव और शहर बर्बाद हो गए थे. इतना ही नहीं, माउंट एवरेस्ट(Mount Everest) पर भी लैंड स्लाइड की घटनाएं हुई थीं. इसे 1934 के 8.0 मैग्नीट्यूड तीव्रता वाले भूकंप के बाद सबसे ख़तरनाक भूकंप माना गया था. कई जगह ज़मीन उठ गई तो कई जगह धंस गई. नासा के अवलोकन के मुताबिक़ इस भूकंप के बाद भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट लगभग 6 मीटर ख़िसक गए.
क्या होते हैं टेक्टॉनिक प्लेट और कहां घूमते हैं ये प्लेट्स
धरती की ऊपरी सतह, जिसे भू-प्लेट भी कहा जाता है, भिन्न हिस्सों में बंटी हुई है. इन्हें ही टेक्टॉनिक प्लेट का नाम दिया गया है. माना जाता है कि हिमालय का निर्माण इंडियन प्लेट के यूरेशियन प्लेट की ओर बढ़ने से हुआ था. इंडियन प्लेट लाखों सालों से यूरेशियन प्लेट की ओर गतिमान होकर लगातार दवाब बढ़ा रही है, उसी दवाब के फलस्वरूप हिमालय पर्वत का जन्म हुआ था. इस वक़्त भी इंडियन प्लेट लगातार उत्तर दिशा में तिब्बत(Tibet) की ओर, यानी यूरेशियन प्लेट की ओर गतिशील है. बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार हर साल भारतीय प्लेट तिब्बतीय प्लेट की और 20 मिलीमीटर बढ़ता है.
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इन क्षेत्रों में लगातार भूकंप आने की वजह
जैसे ही भारतीय प्लेट आगे बढ़ता है तिब्बत(Tibet) का दक्षिणी हिस्सा इसका अधिकतम दवाब झेल लेता है. तिब्बत का पठार हिमालय के उत्तर में है जो उत्तर-दक्षिण में 1000 किलोमीटर लम्बा और पूरब-पश्चिम में 2500 किलोमीटर चौड़ा है. इसका सीधा अर्थ यह है कि भारतीय प्लेट के लगातार गतिशील होने की वजह से यह हिस्सा बहुत दवाब झेल रहा है जो अक्सर भूकंप के रूप में निकलता रहता है.
नेपाल का लोकेशन
नेपाल(Nepal) इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट पर बसा हुआ है. यह इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट बड़ा प्लेट है जिसका पूर्वी भाग ऑस्ट्रेलियन प्लेट कहलाता है और पश्चिमी भाग को इंडियन प्लेट का नाम दिया गया है. ऑस्ट्रेलियन प्लेट 5.6 cm (2.2 in) की दर से गतिशील है जबकि इंडियन प्लेट 2.0 cm की दर से यूरेशियन प्लेट की ओर बढ़ता है. इन दोनों हिस्सों के गतिशील होने की वजह से नेपाल का भूपटल भी गतिमान है.
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