डीएनए हिन्दी : उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल ज़िले में एक ऐसा घर है जिसे देखते आप कह उठेंगे, वाह! यह घर केवल ख़ूबसूरत नहीं है. इसे रेन हार्वेस्टिंग करना, सूरज की रौशनी से ऊर्जा लेना और वातावरण को शुद्ध बनाना भी आता है. यह घर ऋषिकेश से लगभग 35 किलोमीटर दूर है. यहाँ पहुँचने के लिए लगभग चालीस मिनट का ट्रेक करना पड़ता है.
एक घर बनायेंगे पर्यावरण बचाने को
आर्किटेक्ट नम्रता कंदल और गौरव दीक्षित द्वारा बनाये गये इस इको-फ्रेंडली होमस्टे को हेम्प से बने स्पेशल कंक्रीट से बनाया गया है. इस कंक्रीट का नाम ‘hemp bio aggregate lime concrete’ है. इसे आम तौर पर हेम्पक्रीट कहा जाता है. हेम्पक्रीट प्राकृतिक रूप से मौसमी मार से बचने की क्षमता लिए हुए होता है यानि वेदर रेसिस्टेंट होता है, यह काफ़ी मज़बूत भी होता है.
नम्रता बताती हैं कि वे तीन साल पहले हेम्प से जुड़े किसी शोध के लिए आयी थीं. उनका हेम्प इको स्टे एक प्रमाण है कि इसके इस्तेमाल से एक प्राकृतिक आबो-हवा वाले घर को तैयार किया जा सकता है. इस घर को बनाने के लिए नम्रता और गौरव ने अपने बचाये हुए तीस लाख रूपये खर्च कर दिये.
जीरो एनर्जी मॉडल वाला घर
800 स्क्वायर फीट के इलाके में फैले इस घर की पूरी अवधारणा जीरो एनर्जी मॉडल की है. इस घर की छत पर तीन किलोवाट का एक सोलर पैनल लगा हुआ है जबकि साथ ही 4000 लीटर का अंडर वॉटर हार्वेस्टिंग टैंक है. एक वेस्टवाटर फेसिलिटी से शुद्ध होकर आये पानी का इस्तेमाल इस घर से लगे बगीचे में फूलों और सब्जियों के पौधों को सींचने में होता है.
क्या होता है हेम्प?
हेम्प भांग की प्रजाति का एक पौधा होता है जिसका काफ़ी उत्पादन इसके बीज के लिए होता है. इन बीजों का उपयोग खाद्यान्न के तौर पर होता है. साथ ही हेम्प के रेशे से कई तरह की चीज़ें बनायी जाती हैं.
(तस्वीर साभार : बेटर इंडिया )
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