डीएनए हिन्दी : मौर्य वंश को चक्रवर्ती राजाओं का वंश कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए. अशोक मौर्यवंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त के पोते और बिन्दुसार के बेटे थे.
अशोक वही शासक हैं जिनके बनाये स्तम्भचिह्न को हम भारतीय मुद्रा के लगभग हर रूप में पाते हैं. बौद्ध वंश के महान प्रचारक-प्रसारक अशोक प्राचीन भारत के सबसे प्रमुख योद्धा राजाओं में गिने जाते हैं जिन्होंने लगभग सम्पूर्ण आधुनिक भारत से लेकर हिन्दुकुश की पहाड़ियों तक अपने शासन का विस्तार किया था.
99 सौतेले भाइयों की हत्या कर पायी गद्दी
कहा जाता है कि अशोक ने चार साल की अवधि में अपने 99 सौतेले भाइयों की हत्या कर मगध की गद्दी हासिल की थी. 270 ईसा पूर्व में राज्य संभालते ही अशोक ने वृहत हिंसा की नीति अपनायी और सीमाओं का लगातार विस्तार किया. इतिहास में दर्ज किया जाता है कि 270 ईसा पूर्व से 261 ईशा पूर्व तक अशोक के युद्धों की वजह से क़रीब एक लाख से तीन लाख सैन्य हत्याएँ हुईं.
कलिंग युद्ध
शासन संभालने के आठ सालों के बाद हुआ कलिंग युद्ध अशोक के जीवन काल का सबसे महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है.
इतिहास कहता है कि आधुनिक उड़ीसा और तत्कालीन कलिंग में दया नदी के तट पर लड़ी गयी यह लड़ाई प्राचीन भारत की सबसे ख़तरनाक और ख़ूनी लड़ाइयों में से एक है जहाँ अकेले युद्ध में ढाई लाख से अधिक सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. अशोक ने अब तक अविजित रहे कलिंग पर जीत तो हासिल कर ली थी पर इस युद्ध ने अशोक के जीने का ढंग बदल दिया. अति हिंसा और रक्तपात (खून-ख़राबा) ने अशोक का मन युद्ध की ओर से विमुख कर (हटा) दिया.
कलिंग युद्ध के बाद का अशोक
इस युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाते हुए यह कहा कि सभी जन मेरे बच्चों के समान हैं और मेरा धर्म अपने प्रत्येक बच्चे की रक्षा का है. बौद्ध धर्म अपनाने के बाद अशोक ने इसका वैश्विक प्रचार किया. अपनी बेटी संघमित्रा और बेटे महेंद्र को श्रीलंका भेजा ताकि वे वहां बौद्ध धर्म का प्रचार कर पायें.
अशोक ने बौद्ध धर्म की बेहतर शिक्षा-दीक्षा के लिए कई स्तूप और मठों का निर्माण भी किया. साम्राज्य की मुख्यनीति का प्रसार करने के लिए कई स्तम्भ भी बनवाये गए. भारतीय सिक्कों और कागज़ी नोटों पर नज़र आने वाला अशोक स्तम्भ राजा द्वारा सारनाथ में बनाये गये स्तम्भ की अनुकृति है.
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