डीएनए हिंदी: प्यार का मूड है. थोड़ी दूरी है. इस दूरी को कम करने का ख़याल आया. मूड को क्यों न थोड़ा और रोमांटिक बनाया जाए. मेसेज भेजते हुए एक न्यूड भेजने में क्या हर्ज है...
वेल, रुकिए... कहीं यह हरक़त आपको कानूनी पचड़े में न डाल दे. कानून का ख़तरा? आप तो सहमति से एक दूसरे को मेसेज भेज रहे थे, इसमें कानून नाक अड़ाने कहाँ से आ गया?
कैसे नाक अड़ाता है कानून?
भारतीय कानून के IT एक्ट 2000 के सेक्शन 67 A के मुताबिक अगर किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कोई ऐसी तस्वीर या सन्देश जिसे किसी भी तरह अश्लील क़रार दिया जा सकता है, पहली बार ऐसा करने पर इसकी सज़ा के तौर पर दस लाख रूपये ज़ुर्माना या पाँच साल तक जेल हो सकती है. इसे दुहराने पर सज़ा बढ़कर सात साल की जेल और दस लाख रूपये तक ज़ुर्माना, दोनों हो सकती है.
तो क्या सहमति से सेक्स्टिंग भी अपराध है?
बिना दूसरी पार्टी अर्थात प्राप्तकर्ता की सहमति से भेजे गये यौनिक प्रकृति के मेसेज तो अपराध हैं... इन्हें सेक्सुअल हैरेसमेंट या यौन अपराध की श्रेणी में रखा जाता है. एक-दूसरे की सहमति से एक दूसरे को सेक्सुअल मेसेज भेजना यानि सेक्सटिंग करना अश्लीलता के दायरे में आये न आये, नग्न तस्वीरें या वीडियो भेजन ज़रूर अपराध की श्रेणी में आता है.
क्या-क्या शामिल है सेक्शन 67 A के अंतर्गत
इस सेक्शन के तहत अगर कंप्यूटर अथवा इसी प्रकार के किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (उपकरण) के ज़रिये कोई ऐसी सूचना भेजी गयी है जिसे अश्लील प्रकृति का माना जा सकता है. यानि आप व्हाट्सएप मैसेज, टेक्स्ट एसएमएस, एमएमएस भेजते हैं या मेल करते हैं... किसी भी तरीके से किया हुआ यौन संवाद आपको आपराधिक लोगों की लिस्ट में शामिल कर देगा.
यानि बैठे-बिठाये, प्यार करते-जताते, ख़तरा है कि आप पर कानून का पहरा लग जाए. सो अब जब भी दूर बैठे सजना और सजनी के पास आने का इरादा हो, अधिक ख़ुलेपन से पहले कानून के बारे में एक बार और सोच लीजियेगा...
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