डीएनए हिंदी: 'प्यार क्या है?' ये ऐसा सवाल है जिसका एक कॉमन जवाब आज तक नहीं मिल पाया है. कोई कहता है प्यार दोस्ती है तो कोई कहता है कि इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, बस महसूस किया जा सकता है. वर्षों से न जानें कितने कवियों ने इस पर कविताएं और गीतकारों ने गीत लिख डाले हैं लेकिन दुनिया भर के मनोवैज्ञानिकों के विचार प्यार के बारे में कुछ हटकर हैं. आइए जानते है ऐसे ही कुछ मनोवैज्ञानिक तथ्यों (Psychology facts) के बारे में जिनसे प्यार के बारे में आपकी नॉलेज और बेहतर हो सकती है-
प्यार के तीन पड़ाव
मशहूर मनोवैज्ञानिक हेलेन फिशर (Helen Fisher) के अनुसार, प्यार के तीन पड़ाव होते हैं- वासना, आकर्षण और जुड़ाव. इन तीनों पड़ावों में अहम भूमिका निभाते हैं हमारे शरीर में बनने वाले हार्मोन. जैसे प्यार के पहले पड़ाव वासना के लिए सेक्स हार्मोन (Sex hormone) जिम्मेदार हैं. पुरुषों में जहां सेक्स हार्मोन की भूमिका टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) निभाता है, वहीं महिलाओं में एस्ट्रोजन (Estrogen)सेक्स हार्मोन माना जाता है. प्यार के दूसरे पड़ाव यानी आकर्षण के दौरान डोपामाइन (Dopamine) और नॉरपेनेफ्रिन हार्मोन (Norepinephrine) अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं प्यार के आखिरी पड़ाव जिसमें एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से गहरा लगाव हो जाता है, इसमें ऑक्सीटोसिन (Oxytocin)और वैसोप्रेसिन हार्मोन (Vasopressin)का रोल काफी अहम हो जाता है.
पहली नजर का प्यार
आपने पहली नजर के प्यार के बारे में सुना होगा. किसी को देखते ही जब बस प्यार हो जाता है. वैज्ञानिक शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं. जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन (The Journal of Sexual Medicine) में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, किसी के साथ प्यार में पड़ने के लिए महज एक सेकंड का पांचवां हिस्सा काफी होता है.
एक जैसे दिखने लगते हैं कपल
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक रॉबर्ट ज़ाजोन्को (Robert Zajonc) और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया है कि अगर कोई कपल 25 वर्षों से एक-दूसरे के साथ रह रहा है तो वे लोग कुछ हद तक एक जैसे दिखने लगते हैं. यानी लंबे समय तक एक साथ रहने वाले जोड़े काफी हद तक एक जैसे नजर आने लगते हैं. सर्वे के अनुसार, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे एक-दूसरे के हाव-भाव को बेहद करीब से देखते हैं और धीरे-धीरे उसे कॉपी करने लग जाते हैं.
'प्यार अंधा होता है'
आपने अकसर फिल्मों में लोगों को कहते हुए सुना होगा कि प्यार अंधा होता है. लेकिन क्या आप इसके पीछे के विज्ञान को जानते हैं? हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (Harvard Medical School) के प्रोफेसर और डॉक्टर रिचर्ड श्वार्ट्ज और जैकलीन ओल्ड्स की एक स्टडी के अनुसार, प्यार का अहसास आपके अंदर से डर या किसी भी तरह की निगेटिव फीलिंग को खत्म कर देता है. ये आपकी उस नर्व को डिएक्टिवेट कर देता है जो इस तरह के अहसासों के लिए जिम्मेदार होता है इसलिए जब आप प्यार में पड़ना शुरू करते हैं तो आपकी आकलन करने या कुछ भी सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है और आप सिर्फ प्यार में डूबे रहते हैं.
- Log in to post comments