डीएनए हिंदीः चाहे वह आगरा का लाल किला हो या फिर अकबर का मकबरा. सभी ऐतिहासिक स्मारकों को देश में होने वाले उत्सव या महत्वपूर्ण दिनों में लाइट से जगमगा दिया जाता है लेकिन ताजमहल पर कोई लाइटिंग नहीं होती है. न ही ताजमहल को सजाया जाता है और न ही वहां रोशनी का इंतजाम किया जाता है.
हालांकि ऐसा नहीं है कि कभी ताजमहल पर लाइटिंग नहीं हुई थी. ताज महल ही भारत का पहला स्मारक था, जिसे रात में किसी उत्सव के लिए रोशनी से जगमगाया गया था. आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के अनुसार करीब 77 साल पहले न केवल ताजमहल रोशनी से जगमगाया था, बल्कि स्मारक के अंदर एक भव्य उत्सव का आयोजन भी हुआ था. लेकिन क्या कारण या राज है कि 20 मार्च 1997 के बाद ताजमहल पर लाइटिंग प्रतिबंधित कर दी गई.
ताजमहल पर हुआ था आखिरी उत्सव
ताजमहल में आखिरी बार 20 मार्च 1997 की रात को यूनानी पियानोवादक यान्नी के शो के दौरान रोशनी से जगमगाया गया था और खूब लाइटिंग से ये जगमगाया था लेकिन अगली सुबह कुछ ऐसे दिखा कि उसके बाद से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रासायनिक शाखा ने यहां लाइटिंग पर रोक लगा दी.
इसलिए बंद कर दी गई लाइटिंग की व्यवस्था
असल में, कार्यक्रम की अगली सुबह ताजमहल परिसर में कई कीड़े मरे हुए थे, इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रासायनिक शाखा ने इसकी जांच की थी. क्योंकि कीड़ों के मरने की वजह से ताजमहल पर दाग बन गया था इसलिए ही तब से ताजमहल को लाइट से जगमगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया जो आज भी लागू है.
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ताजमहल 20 मार्च 1997 के बाद से रात में कभी लाइट से क्यों नहीं जगमगाया? हैरान कर देगी वजह