How To take Medicine: व्यक्ति के बीमार पड़ने पर उसका इलाज कई तरह से किया जाता है. टैबलेट, कैप्सूल, लिक्विड सिरप या इंजेक्शन इन में से किसी भी तरह से शरीर के अंदर दवा पहुंचाई जाती है. दवा किस रूप में मरीज को देनी है इस बात का फैसला डॉक्टर करता है. लेकिन कई लोगों के मन में सवाल होता है कि, दवा किसी रूप में ज्यादा असरदार होती है. कब डॉक्टर किस तरह से मरीज को दवा देते हैं. आइये इसके बारे में जानते हैं.
कैप्सूल और टैबलेट
कैप्सूल और टैबलेट को लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं. यह कम खर्चीली भी होती हैं. इन दवाओं को पचने और खून में घुलने में समय लगता है. सामान्य बुखार, दर्द, एलर्जी, ब्लड प्रेशर की समस्या में दवा का इस्तेमाल किया जाता है.
लिक्विड सिरप
अगर किसी मरीज को दवा निगलने में दिक्कत होती है तो उसे लिक्विड सिरप दिया जाता है. अक्सर छोटे बच्चों को और बुजुर्ग को लिक्विड सिरप दिया जाता है. यह दवा शरीर में जाकर जल्दी अवशोषित होती हैं.
इंजेक्शन
शरीर में दवा को तुरंत पहुंचाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. इंजेक्शन के जरिए दवा सीधे शरीर में जाकर असर करती है. इसका इस्तेमाल अक्सर संक्रमण, एलर्जी रिएक्शन या सर्जरी के समय किया जाता है. तेज बुखार, डिहाइड्रेशन, गंभीर संक्रमण, डायबिटीज के मामले में भी इंजेक्शन दिया जाता है.
कौन सा तरीका बेहतर?
इन तीनों में से दवा लेने के सभी तरीके बेहतर हैं. यह बीमारी पर निर्भर करता है कि, दवा को किस तरह शरीर के अंदर पहुंचाना है. इस बात का निर्धारण डॉक्टर करता है. खुद से दवाओं का रूप बदलना खतरनाक हो सकता है आपको इसके लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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इंजेक्शन, टैबलेट या लिक्विड सिरप दवा लेने का कौन-सा तरीका है असरदार? यहां जानें सच्चाई