पहले विवाह तय करते समय दूल्हा और दुल्हन की कुंडली देखी जाती थी. गोत्र और गुणदोष के गहन ज्योतिषीय अध्ययन के बाद ही विवाह तय किए जाते थे. हालाँकि, जैसे-जैसे समय बदला है, भले ही ये चीजें पीछे रह गई हैं, लेकिन कुंडली मिलान अभी भी कई जगहों पर देखा जाता है. लेकिन वर्तमान समय में पार्टनर के स्वास्थ्य की कुंडली देखना भी उतना ही जरूरी है. शादी करते समय स्वभाव, जाति, नौकरी और परिवार देखने से ज्यादा जरूरी है जीवनसाथी की स्वास्थ्य जांच. जानिए शादी के समय दूल्हा-दुल्हन की स्वास्थ्य जांच के दौरान कौन से टेस्ट कराने चाहिए, इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं.

अक्सर कहा जाता है कि अगर पार्टनर का ब्लड ग्रुप एक जैसा न हो तो इससे संतान प्राप्ति में कई तरह की दिक्कतें आती हैं. हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक एक ही ब्लड ग्रुप होने से शादीशुदा जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता है. हालांकि, शादी से पहले यह जानना भी उतना ही जरूरी है कि पार्टनर में खून की खराबी है या नहीं. वहीं कई बार ब्लड जनित बीमारियों के कारण स्वस्थ संतान को पैदा करना मुश्किल होता है. इसलिए विवाह से पहले कुछ टेस्ट जरूर कराने चाहिए.
 
थैलेसीमिया
यह खून की कमी का एक रूप है. इसके दो प्रकार होते हैं मेजर और माइनर. थैलेसीमिया के मरीजों को एक निश्चित समय के बाद खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. तो इससे शिशु के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना अधिक होती है. समाज में ज्यादातर लोग रिश्ते में ही शादी कर लेते हैं. इससे शिशु को थैलेसीमिया होने की संभावना अधिक रहती है. अगर दंपत्ति में से किसी एक को थैलेसीमिया है तो शादी से पहले डॉक्टरी सलाह लें.
 
आनुवंशिक परीक्षण
मेडिकल एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि संतान प्राप्ति के लिए शादी से पहले पार्टनर का जेनेटिक परीक्षण कराना जरूरी है. आनुवंशिक दोष जन्म लेने वाली संतान को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं.

यौन संचारित रोगों के लिए परीक्षण
शादी से पहले पार्टनर का एचआईवी टेस्ट कराना बहुत जरूरी है. शारीरिक संपर्क के माध्यम से एचआईवी जैसी बीमारी होने की संभावना अधिक होती है. दुर्भाग्य से, इस बीमारी का अभी भी कोई प्रभावी इलाज नहीं है. इसलिए शादी के लिए पार्टनर चुनते समय शारीरिक जांच बहुत जरूरी है.
 
हीमोग्लोबिन परीक्षण
हीमोग्लोबिन की कमी के कारण गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही डिलीवरी के बाद महिलाओं में कमजोरी महसूस होना और लगातार बीमार रहने की समस्या भी पैदा हो जाती है. इसलिए, चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा हमेशा यह सलाह दी जाती है कि शादी पर विचार करते समय अपने और अपने साथी के स्वास्थ्य की जांच करना महत्वपूर्ण है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

  ख़बरों जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
What happen if husband-wife blood group same and any problem in having children? medical test before marriage
Short Title
अगर पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक ही हो तो क्या होगा?
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
अगर पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक ही हो तो क्या होगा?
Caption

अगर पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक ही हो तो क्या होगा?  

Date updated
Date published
Home Title

अगर पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक ही हो तो क्या होगा?  

Word Count
485
Author Type
Author
SNIPS Summary
Problems after marriage, blood group and marriage, medical test before marriage