गिलोय एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से किया जाता रहा है. इसे 'अमरता की जड़' के नाम से भी जाना जाता है. गिलोय में कई औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो इसे कई बीमारियों के इलाज के लिए कारगर उपाय बनाते हैं. इसमें गिलोइन, गिलोइनिन और गिलोस्टेरॉल जैसे तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. आइए यहां जानते हैं गिलोय के फायदे और इसका इस्तेमाल कैसे करें.
गिलोय के फायदे
इम्यूनिटी बढ़ाता है
गिलोय एक प्राकृतिक इम्यूनोमॉड्यूलेटर है, जिसका मतलब है कि यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. यह संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता को बढ़ाता है. गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. यह संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी व्हाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन को भी बढ़ाता है.
कई संक्रमण का इलाज करता है
गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण पाए जाते हैं, जो बुखार को कम करने में कारगर होते हैं. यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों, जैसे डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू के इलाज में भी प्रभावी है. गिलोय शरीर के तापमान को कम करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है.
पाचन में सुधार करता है
गिलोय पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. यह अपच, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है. गिलोय पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं. यह आंतों के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं.
ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है
गिलोय ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है. गिलोय इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है, जिससे शरीर को ब्लड शुगर का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने में मदद मिलती है.
तनाव और चिंता को कम करता है
गिलोय में एंटी-तनाव गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं. गिलोय मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है, जो मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कॉर्टिसोल के स्तर को भी कम करता है.
आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करता है
गिलोय आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. यह मोतियाबिंद और अन्य आंखों की बीमारियों के जोखिम को कम करता है. गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. यह आंखों में ब्लड फ्लो को भी बढ़ाता है.
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गिलोय का सेवन कैसे करें
गिलोय का रस
गिलोय का रस गिलोय के तने और पत्तियों से निकाला जाता है. यह गिलोय का सेवन करने का एक लोकप्रिय तरीका है. गिलोय का रस पीने से इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने, बुखार को कम करने और पाचन में सुधार करने में मदद मिल सकती है.
गिलोय का काढ़ा
गिलोय का काढ़ा गिलोय के तने और पत्तियों को पानी में उबालकर बनाया जाता है. यह बुखार, खांसी और जुकाम के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाय है.
गिलोय की गोलियां
गिलोय की गोलियां गिलोय के पाउडर से बनाई जाती हैं. यह गिलोय के सेवन का एक आसान तरीका है, खासकर उन लोगों के लिए जो गिलोय का जूस या काढ़ा पसंद नहीं करते हैं.
गिलोय का चूर्ण
गिलोय पाउडर गिलोय की सूखी जड़ों और तनों से बनाया जाता है. इसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक नुस्खों में किया जाता है.
गिलोय का ताजा तना
गिलोय के ताजे तने को चबाया जा सकता है या उसका रस निकाला जा सकता है. यह गिलोय का सेवन करने का एक और तरीका है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास गिलोय के अन्य रूप उपलब्ध नहीं हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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