डीएनए हिंदी: Geeta Saar in Hindi- श्रीकृष्ण के मुख से निकले गीता के श्लोक (Shlok) जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं, हम सभी ने गीता के श्लोक पढ़ें है लेकिन कभी गहराई से उनके तात्पर्य को समझने का प्रयास नहीं किया, तभी हम प्रेम, भाव, स्नेह, विश्वास इन एहसासों के माइने भूल गए हैं, हम जितनी सफलता के पीछे भाग रहे हैं वो और दूर जा रही है. जिंदगी में खुशी और कर्मों में सफलता लाने के लिए गीता में श्रीकृष्ण द्वारा कहे गए महावाक्यों (Shree Krishna Anmol Vachan) को दोबारा सुनें और समझें. हम आपके लिए उनके कुछ महत्वपूर्ण श्लोक लेकर आए हैं, जिनमें उन्होंने कर्मों की गति, सुख-दुख का रहस्य और जीवन जीने की शिक्षा दी है. 

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 47)

अर्थ: कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, कर्म के फलों में कभी नहीं..इसलिए कर्म को फल के लिए मत करो. कर्तव्य-कर्म करने में ही तेरा अधिकार है फलों में कभी नहीं. अतः तू कर्मफल का हेतु भी मत बन और तेरी अकर्मण्यता में भी आसक्ति न हो

हे कौन्तेय (अर्जुन), और निश्चय करके युद्ध करो...
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 37)

अर्थ: यदि तुम (अर्जुन) युद्ध में वीरगति को प्राप्त होते हो तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा और यदि विजयी होते हो तो धरती का सुख पा जाओगे... इसलिए उठो, हे कौन्तेय (अर्जुन), और निश्चय करके युद्ध करो
 
कर्म में लीन रहा जाए...
ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 62)

अर्थ: विषय-वस्तुओं के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है, इससे उनमें कामना यानी इच्छा पैदा होती है और कामनाओं में विघ्न आने से क्रोध की उत्पत्ति होती है. इसलिए कोशिश करें कि विषयाशक्ति से दूर रहते हुए कर्म में लीन रहा जाए. 

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गीता के अनमोल वचन 

जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छा ही होगा, 

ये बहुत ही आम बात है लेकिन हम इसके तात्पर्य से दूर हैं. हमारे साथ जो भी हो रहा है हम हर बात पर सवाल उठा रहे हैं. हमें समझना होगा कि जो भी हो रहा है, जो होगा और जो हो चुका है सब अच्छा ही है. 

हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा, क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मरने वाले के लिए जन्म लेना. इसलिए जो अपरिहार्य है, उस पर शोक नही करना चाहिए

मैं सभी प्राणियों को एकसमान रूप से देखता हूं, मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा, लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते है, वो मेरे भीतर रहते है और में उनके जीवन में आता हूं

हे अर्जुन ! क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयां ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते है इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना काम करते रहो

 केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है, इसीलिए मन पर नियंत्रण होना अति आवश्यक है 

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shree krishna anmol vachan to arjun in shreemad bhagwat geeta saar in hindi inspiring quotes for life
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कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन से बोले थे ये 10 वचन, आप भी जरूर सुनें
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Geeta Saar: श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को बोले थे ये 10 वचन, जो आपका भाग्य भी बदल देंगे