डीएनए हिंदी: Red Border Saree in Durga Puja Significance- बंगाल का मुख्य त्योहार है दुर्गा पूजा (Durga Puja 2022) और बंगाली महिलाएं इस पूजा में खूब सुंदर से तैयार होती हैं. इस पूजा पर बंगाली महिलाएं जो साड़ी पहनती हैं उसे जामदानी कहते हैं. जामदानी साड़ी वो साड़ी होती है जिसे खास हाथों से बुन कर बनाया जाता है, इस साड़ी का कपड़ा कॉटन का होता है. यह पहनने में बहुत हल्की होती हैं. सफेद और लाल रंग के बॉर्डर से बनी इस साड़ी का खास महत्व है. जानते हैं आखिर क्यों दुर्गा पूजा पर इस तरह की साड़ी पहनते हैं.
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बंगाल की है परम्परा (Bengals Tradition and Maa Durga Favorite Color)
आपको बता दें कि बंगाल में सफेद और लाल रंग को परंपरागत रंग माना जाता है. इसलिए विवाहित महिलाएं नवरात्रि के समय में इस साड़ी को पहनती हैं. बंगाल में शादीशूदा महिलाएं नवरात्रि के समय व्हाइट और रेड कलर की साड़ी पहनना पसंद करती हैं. ये जितना सुंदर लगती है उससे कहीं ज्यादा इसकी आध्यात्मिक महिमा है. लाल रंग देवी मां और सुहागन का रंग है. बंगाली महिलाएं साड़ी के साथ सिंदूर और लाल बिंदी लगाती हैं.
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सिंदूर खेला और अष्टमी अंचली
दुर्गा अष्टमी के दिन बंगाली महिलाएं लाल और सफेद साड़ी पहनकर मां दुर्गा की पूजा करती हैं. मां को अंचली भी देती हैं. दशहरे वाले दिन यही साड़ी पहनकर मां दुर्गा को सिंदूर चढ़ाकर सिंदूर खेला खेलती हैं. इस दिन सभी शादीशूदा महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सिंदूर खेला खेलती हैं. मान्यता है कि इससे मां दुर्गा सुहाग की आयु लंबी करती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Durga Puja: क्यों लाल बॉर्डर की साड़ी को कहते हैं जामदानी, दुर्गा मां का क्या है कनेक्शन